22 नवंबर को श्री सराफा कमेटी के महामंत्री धन कुमार जैन को गोली मारने के बाद केंद्रीय मंत्री डॉ राम शंकर कठेरिया के साथ भाजपा कार्यकर्ता और कारोबारियों ने आईजी कार्यालय पर प्रदर्शन किया। इस दौरान हुए लाठीचार्ज में मीडियाकर्मी भी घायल हुए थे। इस मामले में पुलिस ने मथुरा निवासी योगेश गौतम और सिकंदरा निवासी प्रमोद को आरोपी बनाते हुए धन कुमार जैन पर हमला करने वाले गिरोह का खुलासा किया था।
मीडिया ने उठाए सवाल
इस पर मीडिया ने मेडिकल लीगल रिपोर्ट का हवाला देते हुए सवाल उठाए, पुलिस अधिकारी सक्रिय हुए और हमला करने वाले धन कुमार के भाई के साले विशाल अग्रवाल, उनके पार्टनर अवधेश अग्रवाल सहित चार लोगों को पकड कर पूरे प्रकरण का खुलासा कर दिया।
पुलिस अधिकारियों की अच्छी भूमिका
इस मामले मे पुलिस योगेश गौतम और प्रमोद को जेल भेज चुकी थी, असली गुनहगारों को पकडने के बाद पहले पकडे गए आरोपियों को बेगुनाह बताने पर पुलिस की किरकिरी होती। मगर इस पूरे प्रकरण में आगरा के पुलिस अधिकारियों की अच्छी भूमिका रही, उन्होंने निर्दोषों को जेल से रिहा कराने के लिए कोर्ट में 169 की रिपोर्ट पेश करा दी।
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