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Agra Metro Update: Second TBM ‘Ganga’ launched for underground section of Agra Metro; second tunnel construction for priority stretch begins…#agranews
आगरालीक्स…आगरा में मेट्रो के लिए 230 मी. सुरंग तैयार. अब टीबीएम ‘गंगा’ का शुभारंभ. प्रायॉरिटी कॉरिडोर के अंडरग्राउंड भाग में दूसरी टनल का निर्माण शुरू
उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन द्वारा आगरा मेट्रो प्रायॉरिटी कॉरिडोर के भूमिगत भाग में रामलीला ग्राउंड स्थित लॉन्चिंग शाफ्ट से दूसरी टनल बोरिंग मशीन गंगा को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया है। टीबीएम गंगा जामा मस्जिद से ताजमहल की ओर दूसरी समानांतर टनल का निर्माण कर रही है। वहीं, टीबीएम यमुना ने अबतक 230 मीटर से अधिक टनल का निर्माण पूरा कर लिया है। टीबीएम यमुना द्वारा अबतक 155 रिंग सफलतापूर्वक लगाई जा चुकी हैं, जिससे 230 मीटर से अधिक टनल का निर्माण हो गया है। वहीं, टीबीएम गंगा द्वारा इनीशियल ड्राइव में अस्थाई रिंग लगाई जा रही है, जल्द ही टीबीएम गंगा भी मेन ड्राइव में पहुंचकर तेज गति के साथ टनल का निर्माण करेगी।
बता दें कि टनल बोरिंग मशीन द्वारा भूमिगत मेट्रो लाइन के निर्माण को मुख्य तौर पर तीन चरणों में विभाजित किया जाता है। इस प्रक्रिया में प्रथम चरण इनीशीयल (प्राथमिक) ड्राइव होता है, जिसमें टीबीएम लॉन्चिंग शाफ्ट से टनल की खोदाई का काम शुरू करती है। इस चरण में शुरुआती/अस्थाई रिंग सेग्मेन्ट्स को मैनुअल तरीके से लगाया जाता है, जिससे मशीन में लगे थ्रस्ट जैक, इन्ही अस्थाई रिंग सेग्मेन्ट्स की मदद से टीबीएम को आगे बढ़ाते हैं। इसके बाद टीबीएम मेन ड्राइव में पहुंचती है, जिसमें टीबीएम खोदाई के साथ ही स्थाई रिंग सेगमेन्ट्स लगाते हुए टनल का निर्माण करती है।
टनल बोरिंग मशीन विभिन्न हिस्सों में विभाजित होती है। टीबीएम के सबसे अग्रिम भाग फ्रंट शील्ड में कटिंग हैड होता है, जिसकी मदद टीबीएम मिट्टी को काटते हुए सुरंग की खोदाई करती है। कटिंग हैड में एक विशेष किस्म के केमिकल के छिड़काव की भी व्यावस्था होती है, जो कि कटिंग हेड पर लगे नॉज़ल के द्वारा मिट्टी पर छिड़का जाता है। इस केमिकल की वजह से मिट्टी कटर हैड पर नहीं चिपकती और आसानी से मशीन में लगी कनवेयर बेल्ट की मदद से मशीन के पिछले हिस्से में चली जाती है, जहां से ट्रॉली के जरिए मिट्टी को टनल से बाहर लाकर डम्पिंग एरिए में भेज दिया जाता है।
इसके साथ ही मशीन के पिछले हिस्से में प्रीकास्ट रिंग सेगमेंट को लॉन्च करने की व्यवस्था भी होती है।
टनल निर्माण के दौरान रिंग सेगमेंट लगाने के बाद टीबीएम द्वारा ही रिंग सेगमेंट एवं मिट्टी के बीच में ग्राउटिंग स़ोल्यूशन भर दिया जाता है, जो कि रिंग सेगमेंट्स और मिट्टी के बीट मजबूत जोड़ स्थापित कर टनल को मजबूती प्रदान करता है। टीबीएम के मिड शील्ड में लगे थ्रस्टर्स मशीन को आगे बढ़ने में मदद करते हैं।
गौरतलब है कि ताजनगरी में 29.4 किमी लंबे दो कॉरिडोर का मेट्रो नेटवर्क बनना है, जिसमें 27 स्टेशन होंगे। ताज ईस्ट गेट से सिकंदरा के बीच 14 किमी लंबे पहले कॉरिडोर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. इस कॉरिडोर में 13 स्टेशनों का निर्माण होगा। जिसमें 6 एलीवेटिड जबकि 7 भूमिगत स्टेशन होंगे. इस कॉरिडोर के लिए पीएसी परिसर में डिपो का निर्माण किया जा रहा है। इसके साथ ही आगरा कैंट से कालिंदी विहार के बीच लगभग 16 कि.मी. लंबे दूसरे कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा, जिसमें 14 ऐलीवेटेड स्टेशन होंगे।