आगरालीक्स…राणा सांगा को गद्दार कहने पर आगरा में सपा सांसद के घर तोड़फोड़. अखिलेश यादव बोले—आगरा में सीएम के रहते हिंसक वारदात हुई…तुरंत हो एक्शन
आगरा में सपा से राज्यसभा सांसद रामजीलाल द्वारा राज्यसभा में गृह मंत्रालय के कामकाज की समीक्षा के दौरान राणा सांगा को लेकर दिए गए बयान के बाद आज आगरा में जमकर विरोध किया गया. बुधवार को कुबेरपुर से करणी सेना के कार्यकर्ता बुलडोजर लेकर प्रदर्शन करने के लिए हरीपर्वत स्थित सांसद रामजीलाल सुमन के घर के लिए निकले. पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की लेकिन वे नहीं रुके. करणी सेना के कार्यकर्ता हरीपर्वत स्थित सपा सांसद रामजीलाल सुमन के घर के पास पहुंच गए, पुलिस ने उन्हें रोक दिया, कुछ कार्यकर्ता पीछे वाले गेट से अंदर घुस गए और उनके घर के बाहर खड़ी गाड़ियों के शीशे तोड़ दिए, कुर्सियों को तोड़ दिया, पुलिस ने लाठी भांजकर कार्यकर्ताओं को खदेड़ा.
अब इस घटना को लेकर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का बयान सामने आया है. अखिलेश यादव ने ट्वीट किया हे कि आगरा में मुख्यमंत्री जी के उपस्थित रहते हुए भी, पीडीए के एक सांसद के घर पर कुछ लोगों द्वारा तोड़फोड़ की हिंसक वारदात जब रोकी नहीं जा सकती है, तो फिर ज़ीरो टॉलरेंस तो ज़ीरो होना ही है.
क्या मुख्यमंत्री जी का प्रभाव क्षेत्र दिन पर दिन घट रहा है या फिर ‘आउटगोइंग सीएम’ की अब कोई सुन नहीं रहा है. अगर वो अभी भी मुख्यमंत्री हैं तो तुंरत कार्रवाई करें और दोषियों को Ai से पहचानकर दंडित करें, नहीं तो मान लिया जाएगा कि पीडीए सांसद के खिलाफ़ ये सब उनकी अनुमति से हुआ है.
इससे पहले अखिलेश यादव ने एक ट्वीट और किया था जिसमें उन्होंने लिखा था कि — समाजवादी पार्टी सामाजिक न्याय और समतामूलक समाज की स्थापना में विश्वास करती है। हम कमज़ोर से कमज़ोर हर एक व्यक्ति को भी सम्मान दिलाना चाहते है। हमारा उद्देश्य किसी इतिहास पुरुष का अपमान करना नहीं हो सकता। समाजवादी पार्टी मेवाड़ के राजा राणा सांगा की वीरता और राष्ट्रभक्ति पर कोई सवाल नहीं कर रही। भाजपा ने इतिहास के कुछ विषयों को सदैव राजनीतिक लाभ उठाने के लिए और देश को धार्मिक-जातिगत आधार पर विभाजित करने के लिए इस्तेमाल किया है। हमारे सांसद ने सिर्फ एक पक्षीय लिखे गये इतिहास और एक पक्षीय की गई व्याख्या का उदाहरण देने की कोशिश की है। हमारा कोई भी प्रयास राजपूत समाज या किसी अन्य समाज का अपमान करना नहीं है। आज के समय में बीते कल की मतलब ‘इतिहास’ की घटनाओं की व्याख्या नहीं की जा सकती। राज काज के निर्णय अपने समय की परिस्थियों की माँग के हिसाब से लिए जाते थे। इतिहास की घटनाओं के आधार पर आज की लोकतांत्रिक व्यवस्था नहीं चल सकती। भाजपा सरकार को अपनी भेदकारी आदत को सुधार कर जनता के रोज़ी-रोज़गार, स्वास्थ्य और सुरक्षा पर कुछ ध्यान देना चाहिए।