आगरालीक्स…आगरा की कचौड़ी-बेढ़ई का नाश्ता अपना अलग महत्व रखता है लेकिन शहर के हर नुक्कड़ के हलवाई की कचौड़ी-बेढ़ई का स्वाद अलग मिलेगा। आप को कहां की पसंद…
ठेल-ढकेलों पर भी मिलती है कचौड़ी-बेढ़ई
आगरा में कचौड़ी-बेढ़ई का नाश्ता शहर के हर नुक्कड़ पर मिलता है। कई स्थानों पर ठेल-ढकेल लगाकर भी इसको बेचा जाता है लेकिन सभी दुकानदारों के यहां इसका अलग-अलग स्वाद है तो सब्जी भी कई प्रकार की होती है।
कचौड़ी-बेढ़ई में सब्जी के साथ चटनी का मजा
आगरा में हींग की मंडी में मुन्नालाल के नाम से दो दुकानें हैं एक फाटक के पास तो दूसरी कालामहल से आने वाले रास्ते पर। दोनों के स्वाद अलग अलग मिलेंगे, सब्जी के साथ दही और चटनी भी डाली जाती है।
खस्ता कचौड़ी के साथ सब्जी भी जायकेदार
शाहगंज चौराहे पर सत्तो कचौड़ी वाले समेत तीन दुकानें हैं। तीनों दुकानों पर कचौड़ी-बेढ़ई और सब्जी का स्वाद अलग मिलेगा। प्रतापपुरा चौराहे पर देवीराम हलवाई की दुकान की बेढ़ई के साथ कचौड़ी के स्वाद के लोग देशी ही ही नहीं विदेशी भी दीवाने हैं, यहां लोग स्वाद चखते नजर आते हैं। नामनेर और सदर बाजार में इसका अलग स्वाद मिलता है।
राजामंडी में दूर-दूर से आते हैं नाश्ता करने
राजा की मंडी छोटे चौराहे पर जग्गो कचौड़ी वाला, रतन और टिंचू हलवाई की कचौड़ी-बेढ़ई अपना अलग स्वाद रखती हैं। गोकुलपुरा में मोती हलवाई समेत कई अन्य दुकानें है, जो अपना पुराने स्वाद को बरकरार रखा है।
हर ग्राहक की अपनी-अपनी पसंद
लोहामंडी पर काशीनाथ, श्याम चौधरी मदिया कटरा पर दो दुकानें, देहलीगेट पर लक्ष्मन हलवाई, घटिया आजम खां पर जैन की कचौड़ी-बेढ़ई ,बेलनगंज में देवीराम और श्यामनाथ हलवाई, गुदड़ी चौराहे का हलवाई की बेढ़ई-कचौड़ी का अपना अलग स्वाद है। कमला नगर, बल्केश्वर समेत बड़ी कॉलोनियो के दुकानदारों की कचौड़ी-बेढ़ई के साथ सब्जी,चटनी के साथ रायता से स्वाद अलग बन जाता है।