Agra News: Gurudwara Guru Ka Tal Tiraha, hundreds of people walk on the wrong side every day. There aren’t even traffic signals here…#agranews
आगरालीक्स…गुरुद्वारा गुरु का ताल तिराहा, सैकड़ों लोग रोजाना चलते हैं रॉन्ग साइड. यहां ट्रैफिक सिग्नल्स तक नहीं. अंडरपास या फ्लाईओवर की लंबे समय से हैं मांग…
आगरा के गुरुद्वारा गुरु का ताल पर हुए आज दर्दनाक एक्सीडेंट में छह लोगों की मौत हो गई. गुरुद्वारा गुरु का ताल तिराहा आगरा का सबसे बड़ा एक्सीडेंट प्रोन एरिया कहलाता है. हाइवे पर तेज रफ्तार से गुजरते भारी वाहनों के साथ कार, आटो, बाइक, स्कूटी और साइकिल सवार तक यहां से गुजरते हैं. अगर थोड़ी सी यातायात की व्यवस्था इस चौराहे पर डगमगाती है तो लंबा जाम लग जाता है. चारों तरफ के वाहन इस तिराहे से होकर निकलते हैं. यहां से गुजरते तेज रफ्तार वाहनों को रोकना काफी मुश्किल भरा हो जाता है. यातायात पुलिसकर्मी यहां हर वक्त रहते हैं और जाम की स्थिति पैदा न हो इसके लिए पूरे प्रयास भी किए जाते हैं, लेकिन स्थिति यहां इतनी ज्यादा खराब है कि प्रयास हमेशा अधूरे रह जाते हैं.
सैकड़ों वाहन रोजाना गुजरते हैं रॉन्ग साइड
गुरुद्वारा गुरु का ताल पर खराब यातयात व्यवस्था और एक्सीडेंट प्रोन प्वाइंट का सबसे मुख्य कारण है यहां से गुजरने वाले सैकड़ों वाहनों का रॉन्ग साइड चलना. नेशनल हाइवे अथॉरिटी आफ इंडिया की ओर से गुरुद्वारा गुरु का ताल से लेकर सिकंदरा तक सारे कट बंद कर दिए गए हैं. इन कटों को बंद करने का कारण एक्सीडेंट पर ही लगाम लगाना था लेकिन इन कटों के बंद होने के कारण हजारों वाहन यहां से रोजाना रॉन्ग साइड चलते हैं जिसके कारण एक्सीडेंट की स्थिति और भी ज्यादा पैदा हो रही है. ऐसे में खंदारी से आने वाले वाहनों को अगर शांतिवेद अस्पताल, रेनबो अस्पताल या इस साइड की जितनी भी कॉलोनियों में जाना होता है तो वाहन चालक गुरुद्वारे से ही कट लेकर रॉन्ग साइड चलने लगते हैं. अन्यथा उन्हें सिकंदरा तक चलकर वहां से यू टर्न लेकर वापस आना होगा.
मंडलायुक्त ने दिए हैं कामायनी कट खोलने के निर्देश
27 सितंबर को मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी ने यहां की स्थिति को जानने के लिए निरीक्षण किया. उन्होंने गुरुद्वारा गुरु का ताल के सामने चौराहे पर अधिक जाम लगने की समस्या का स्थाई समाधान न होने तक कामायनी हॉस्पिटल के पास कट को खोलने के निर्देश दिए.
यू टर्न बनाने के लिए भी पहुंचे थे अधिकारी
इसी साल जून में ही गुरुद्वारा एवं सिकंदरा पर बढ़ रहे यातायात दबाव को लेकर यातायात पुलिस व एनएचएआई अधिकारियों के द्वारा नेशनल चैंबर के पदाधिकारियों के साथ निरीक्षण किया गया था. यहां पर कामायनी पर के लिए भौतिक निरीक्षण कर यू टर्न बनाने की व्यवस्था के संबंध में विचार विमर्श किया गया. इसके साथ ही अरतौनी पर भी यू टर्न बनाने के लिए व्यवस्थाएं देखी गईं.
आगरा में हर साल 537 मौतें एक्सीडेंट में, यूपी में तीसरे नंबर पर आगरा
आगरा में हर साल औसतन 537 लोगों की मौतें एक्सीडेंट में हो रही है. ये आंकड़े कितने बड़े हैं इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यूपी में आगरा सड़क हादसों में मौत के मामले में तीसरे नंबर पर है. पहले नंबर पर कानपुर है जहां हर साल औसतन 600 लोगों की मौत होती है तो वहीं दूसरे नंबर पर प्रयागराज है जहां यह आंकड़ा 552 मौतों का है. यह आंकड़े तीन सालों के आधार पर जारी किए गए हैं. इन हादसों का कारण तेज रफ्तार बताया जा रहा है.