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Agra News : ‘It’s time for action’: Hepatitis an ‘entirely preventable disease’, On World Hepatitis Day AGLC raise awareness…#Agra
आगरालीक्स…हर रोज 3500 मौतों का कारण हेपेटाइटिस, ‘एजीएलसी’ के एक्सपर्ट्स ने बताए इसकी रोकथाम और बचाव के तरीके, निशुल्क जांचें हुईं और टीके भी लगे
आगरा। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) ने हाल ही में हेपेटाइटिस वायरस को लेकर चौंकाने वाली जानकारी दी है। वर्ल्ड हेपेटाइटिस रिपोर्ट 2024 के अनुसार हेपेटाइटिस वायरस से हर दिन 3500 से अधिक लोग मरते हैं और यह संख्या वैश्विक स्तर पर बढ़ती ही जा रही है। आगरा में भी यह रोग तेजी से लोगों को शिकार बना रहा है। ऐसे में आगरा में इस बीमारी के स्पेशलाइज्ड सेंटर आगरा गैस्ट्रो लिवर सेंटर (एजीएलसी) ने इस बीमारी के कारण, लक्षण, परीक्षण, रोकथाम और उपचार पर जानकारी साझा की है।
सीनियर गैस्ट्रोएंटरोलाॅजिस्ट डाॅ. समीर तनेजा ने बताया कि आगरा की बात करें तो यहां इस बीमारी के शिकार लोगों की संख्या बढ़ रही है क्योंकि लोग टीकाकरण नहीं कराते और बचाव के तरीकों पर ध्यान नहीं देते। वहीं मौतें इसलिए अधिक होती हैं क्योंकि काफी कम लोग बीमारी की पहचान और इलाज कराते हैं। सीनियर गैस्ट्रोएंटरोलाॅजिस्ट डाॅ. दिनेश गर्ग ने बताया कि लिवर सेल्स जो डैमेज हो जाते हैं और उनमें सूजन आ जाती है तो इसे हेपेटाइटिस कहा जाता है। इसके कई कारण हो सकते हैं जिसमें से सबसे काॅमन वायरस और शराब होते हैं। हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी और ई हेपेटाइटिस वायरस के प्रकार हैं। इस रोग के सभी प्रकारों में इनफेक्शन की गंभीरता और ट्रांसमिशन का तरीका अलग होता है।
सीनियर गैस्ट्रोएंटरोलाॅजिस्ट डाॅ. विनीत चौहान ने बताया कि आम तौर पर हेपेटाइटिस बी और सी मुख्य रूप से खून या संक्रमित बाॅडी लिक्विड के संपर्क में आने से फैलता है। वहीं हेपेटाइटिस ए और ई आम तौर पर दूषित भोजन या पानी के माध्यम से फैलता है।
सीनियर गैस्ट्रोएंटरोलाॅजिस्ट डाॅ. पंकज कौशिक ने बताया कि हेपेटाइटिस के हल्के लक्षणों में थकान, बुखार, कमजोरी, पीलिया, मतली और पेट की परेशानी हो सकती है। कुछ लोगों को क्राॅनिक हेपेटाइटिस इनफेक्शन या यूं कहें कि लिवर सिरोसिस, लिवर कैंसर जैसी जटिलताओं तक का कारण बन सकता है।
कैसे करें बचाव ?
एक्सपर्ट्स ने बताया कि हेपेटाइटिस ए और ई को रोकना आसान है। इसके लिए खान-पान में साफ सफाई का ध्यान रखना पड़ता है। बारिश के मौसम में बचाव जरूरी होता है। हेपेटाइटिस ए ज्यादातर बच्चों को, जबकि हेपेटाइटिस ई ज्यादातर वयस्कों को शिकार बनाता है। ज्यादातर मरीज दवाओं से ठीक हो जाते हैं। हेपेटाइटिस ए से बचाव के लिए वैक्सीन मौजूद है, जिसे बच्चों को जरूर लगवाएं। इसके अलावा हेपेटाइटिस बी की भी वैक्सीन मौजूद है लेकिन सी के लिए कोई वैक्सीन नहीं है। हालांकि दोनों के लिए ही उपचार उपलब्ध है। हेपेटाइटिस बी और सी को सावधानियों से रोक सकते हैं जैसे सुरक्षित यौन संबंध, निडिल साझा न करना।
एजीएलसी में निशुल्क जांचें की गईं
इधर वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे के मौके पर आगरा गैस्ट्रो लिवर सेंटर में निशुल्क जांचें की गईं। निगेटिव आने वाले मरीजों को टीके भी निशुल्क लगाए गए। एक्सपर्ट्स ने अपनी टाॅक में लोगों को बचाव, रोकथाम और उपचार के बारे में जानकारी दी।