Agra News: Kavi Sammelan held at Ramlal Old Age Home in Agra…#agranews
आगरालीक्स…गर बुजुर्गों के डर नही होते, हम कभी बा हुनर नही होते, हम नयों का वजूद क्या होता, ये पुराने अगर नही होते, आगरा में एकांकी जीवन जी रहे बुजुर्गों के लिए हुआ कवि सम्मेलन
आगरा में एक अनूठा कवि सम्मेलन हुआ। कविताओं की एक महफिल सजी। यह अपनों के ठुकराए उन बुजुर्गों के लिए थी जो आज वृद्धाश्रम की चारदीवारी में सिमटकर रह गए हैं। देश के जाने माने कवि और कवयित्रियां जब आश्रम पहुंचे तो बुजुर्गों को अपनी रचनाओं से स्नेह का वो स्पर्श दिया जिसकी उन्हें आज जरूरत है। परिवार जैसा अहसास हुआ। कभी किसी कविता ने भावुक कर दिया तो कभी किसी रचना ने चेहरे पर मुस्कान बिखेर दी।
गर बुजुर्गों के डर नहीं होते, हम कभी बा-हुनर नहीं होते। हम नयों का वजूद क्या होता, ये पुराने अगर नहीं होते। जब इन पंक्तियों के साथ देश की मशहूर कवियत्री ममता शर्मा ने रामलाल वृद्धाश्रम में अपना काव्य पाठ किया तो बुजुर्गों की आँख से अश्रुधारा बहने लगी। मौका था दिल्ली की संस्था श्री साहित्य सरगम और आगरा की आराधना संस्था द्वारा आयोजित अनूठे कवि सम्मेलन का, जो कि निराश्रित वृद्धजनों के जीवन में उल्लास भरने के उद्देश्य से किया गया। कभी बुजुर्ग अपने इस एकाकी जीवन को रचनाओं में महसूस करते हुए भावुक हो जाते कभी हास्य रचनाओं पर ठहाके लगाते। तालियों की गूंज में कवियों ने भी जमकर अपनी कविताओं का वाचन किया। शुभारंभ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव मुक्ता त्यागी ने दीप प्रज्वलित करके किया।
आराधना संस्था के अध्यक्ष हास्य कवि पवन आगरी ने संचालन करते हुए अपनी हास्य कविताओं से जनसमूह को जमकर हंसाया वहीं श्री साहित्य सरगम के अध्यक्ष हास्य कवि अनिल अग्रवंशी ने हास्य का माहौल बनाकर अंत में एक मार्मिक कविता से माहौल को भावुक कर दिया कि – माता पिता को कष्ट पहुँचाओगे, तो याद करके बहुत पछताओगे, कीमत तभी पता चलती है जब वो चीज़ नहीं होती, काश मेरी माँ होती।
कवयित्री मीरा दीक्षित की मीरा के प्रेम पर पढ़ी गयी ये रचना बेहद पसंद की गई- किस कदर देखिये गुमनाम हो गयी मीरा, यूँ कहो प्रेम में नाकाम हो गयी मीरा। तेरे नाम से नाम जुड़ गया उसका, बेसबब दुनिया में बदनाम हो गयी मीरा।
कवि डॉ नितिन मिश्रा ने भगवान राम पर कविता पढ़ी कि – जिनके नाम लेने से सुखद सब काम होते हैं, वह केवल मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम होते हैं।
कवि शशांक प्रभाकर ने पढ़ा कि इन बुजुर्गों से है मेरा घर मंदिर सा, ये वो दीपक हैं जो बुझ बुझ कर जला करते हैं।
दिल्ली के कवि सुनहरी लाल तुरंत ने अपनी हास्य कविताओं से लोगों के चेहरे पर हँसी बिखेरी कि कोई रोता है तो रोता रहे जलन लेकर, हम जहन्नुम में भी जन्नत का मजा लेते हैं।
अतिथियों का स्वागत संस्था उपाध्यक्ष संजय बैजल, मधु गुप्ता, विनय शर्मा, नागेंद्र सेंगर, पंकज शर्मा, दीपिका दीक्षित, शबनम शर्मा, मीडिया प्रभारी धीरज चौधरी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन श्री रामलाल वृद्धाश्रम के अध्यक्ष शिव प्रसाद शर्मा ने किया।