आगरालीक्स…कंपनी से लिए गए गद्दे नहीं निकले आरामदायक. वारंटी पर भी नहीं बदले तो ग्राहक पहुंच गया कोर्ट…कोर्ट ने आज सुनाया फैसला
आगरा में एक वर्ष की वारंटी में लिए गए गद्दे आरामदायक नहंी निकले, जिस पर ग्राहक ने शिकायत की और गद्दों को बदलने के लिए कहा. लेकिन शिकायत के बाद भी जब कंपनी द्वारा गद्दे नहीं बदले गए तो ग्राहक ने इस संबंध में उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में अपना वाद दायर कर दिया. शनिवार को इस मामले में उपभोक्ता आयोग प्रथम के अध्यक्ष सर्वेश कुमार और सदस्य अरुण कुमार ने ग्राहक के पक्ष में निर्णय सुनाया. निर्णय के तहत कंपनी को 45 दिन के अंदर गद्दों की कीमत सात प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से उपभोक्ता को देने के आदेश दिए गए हैं.
जानें पूरा मामला
मामला दयालबाग के एलोरा एन्क्लेव में रहने वाले तेजवीर सिंह से जुड़ा हुआ है. तेजवीर सिंह ने 11 अक्टूबर 2019 को एक नामचीन कंपनी के दो गद्दे 14 हजार 700 रूपये में खरीदे थे. कंपनी की ओर से एक साल की वारंदी दी गई थी और कोई भी कमी आने पर बदलने काके कहा था. तेजवीर सिंह के अनुसार गद्दे बेड पर लगाए लेकिन वो ऊपर नीचे थे और बिल्कुल भी आरामदायक नहंी थे. इसके कारण उन्हें सोने में भी परेशानी होने लगी. इस पर तेजवीर सिंह ने नवंबर 2019 में कंपनी में इसकी शिकायत की. कंपनी की ओर से एक व्यक्ति उनके घर आया और उसने गद्दों की जांच की. कमी को देखते हुए उसे बदलवाने का आश्वासन दिया लेकिन उसकी शिकायत पर कंपनी ने कोई ध्यान नहीं दिया. न तो गद्दों को बदला गया और न ही वापस लिया गया.
गद्दे नहीं बदलने पर तेजवीर ंिसह ने अधिवक्ता धर्मेंन्द्र कुमार चौधरी के माध्यम से एक नोटिस भेजा. नोटिस का जवाब भी न आने पर जनवरी 2022 में अधिवक्ता के माध्यम से उपभोक्ता आयोग प्रथम में वार पेश कियागया. इसमें गाजियाबाद की कंपनी के जनरल मैनेजर और आगरा में धाकरान चौराहे के पास स्थित कंपनी के ट्रेडर्स को पक्षकार बनाया गया.