आगरालीक्स…आगरा की एक हकीकत, एक तरफ ताजगंज एरिया—मेट्रो, चौपाटी, सेल्फी प्वाइंट, जोनल पार्क. बाकी का आगरा—आप बताएं और खबर पढ़ें
सुनो! पता चला है कि आगरा में मेट्रो चली है. हां सही सुना है—आगरा में मेट्रो शुरू हो गई है. कहां चली है ये? अरे वही—ताजमहल के पास फतेहाबाद रोड पर. अच्छा, जाएंगे किसी दिन टाइम मिला तो आगरा मेट्रो में सफर करने…….ये बातें उन लोगों की है जो कि सिकंदरा, शास्त्रीपुरम, कमला नगर, रामबाग, कालिंदी विहार आदि के रहने वाले हैं.
दरअसल, आगरा में पिछले कुछ समय से तेजी से विकास हुआ है. जी20 जैसा सम्मेलन हुआ है जहां विश्वभर के देशों के प्रतिनिधिमंडल यहां आए. सेल्फी प्वाइंट को चमकाया गया और यहां मुख्य कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. आगरा चौपाटी बनाई गई जहां कई राज्यों का स्वाद आगरावासियों के लिए लाया गया है. जोनल पार्क भी बना है जहां नवरात्रि में गरबा जैसे शानदार आयोजन किए जाते हैं. ये सब हुआ है लेकिन एक ही एरिया में और वो है ताजगंज. ताज महोत्सव जैसे आयोजन के अधिकतर मुख्य कार्यक्रम भी ताजगंज एरिया में ही रखे गए. लेकिन आगरा का बाकी का एरिया अभी भी अपनी प्रमुख समस्याओं से जूझ रहा है. जाम, अतिक्रमण यहां आए दिन की समस्याएं बनी हुई हैं. शहर संजय प्लेस हो या फिर न्यू आगरा, सिकंदरा हो या फिर बोदला, कमला नगर हो या फिर टेढ़ी बगिया. शाहगंज हो या फिर शास्त्रीपुरम. ये वो एरियाज हैं जहां लो उबड़ खाबड़ सड़कें, जाम, अतिक्रमण से जूझ रहे हैं.
आगरा के संजय प्लेस स्थित शहीद स्मारक की भी सुंदरता बढ़ाने और यहां भी कई कार्यक्रम आयोजित किए जाने के प्लान बनते रहे हैं लेकिन शहीद स्मारक प्रदर्शन करने, श्रद्धांजलि देने तक में ही सीमित है. दयालबाग, कमला नगर, बल्केश्वर, आवास विकास जैसी पॉश कॉलोनियों की सड़कें खराब पड़ी हैं. यहां सड़कों पर कब गड्ढा हो जाए, कुछ पता नहीं चलता. कब कौन सी लाइन बिछाने के लिए सड़क को खोद दिया जाए, कहा नहीं जा सकता.
शहर के मुख्य बाजार शाहगंज, सिकंदरा, बोदला, पुराना आगरा जैसे किनारी बाजार, दरेसी आदि वो बाजार हैं जहां अगर एक बार जाम लग गया तो फिर तो मानो घंटों आप जाम से जूझते रहेंगे. जाम तो यहां आए दिन की समस्याएं बनी हुई हैं. हाइवे पर कट बंद कर देने के कारण हजारों लोग रोजाना गुरुद्वारा गुरु का ताल से रॉन्ग साइड चलते हैं. अतिक्रमण अभी भी बड़ी समस्या है. न्यू आगरा, देहली गेट, संजय प्लेस ऐसे क्षेत्र हैं जहां गाड़ियां सड़कों पर खड़ी रहती हैं, दुकानें बाहर तक लगी रहती हैं और इसके कारण जाम की स्थिति बन जाती है. दोपहर को स्कूल की छुट्टियां होने के बाद जाम की विकट स्थिति पैदा हो जाती है.