New toll rates released for Agra-Lucknow, Purvanchal and Bundelkhand Expressway,
Agra News: Vascular diseases are increasing due to tobacco, fast food, obesity and wrong lifestyle…#agranews
आगरालीक्स…यदि कुछ समय खड़े रहने पर ही पैरों में थकान और सूजन आ जाती है तो सम्भल जाइये, वैस्कुलर बीमारियां बढ़ रहीं हैं. आगरा में 400 से अधिक वैस्कुलर सर्जन्स दी कई जानकारियां
होटल ताज कन्वेशन्शन में की जा रही द वैस्कुलर सोसायटी ऑफ इंडिया की 29वीं राष्ट्रीय कार्यशाला
यदि कुछ समय खड़े रहने पर ही पैरों में थकान और सूजन आ जाती है और नसों में कालापन बढ़ रहा है तो सम्भल जाइये। यह वैरीकोज वेन्स के लक्षण हैं। जिसमें वेरीकोज वेन्स के वॉल्व खराब हो जाने से पैरों में नसों के गुच्छे बन जाते हैं। द वैस्कुलर सोसायटी ऑफ इंडिया की 29वीं राष्ट्रीय कार्यशाला में आज होटल ताज कन्वेन्शन में वैस्कुलर (नसों की) बीमारियों के कारण, नए तकनीकि इलाज पर चर्चा की गई। कार्यशाला में भाग लेने पहुंचे देश विदेश से जुटे 400 से अधिक डॉक्टरों ने बताया कि नसों की बीमारी की सबसे मुख्य बजह तम्बाकू है। इसके साथ वजन का बढ़ना, फास्ट फूड और आराम तलब जीवन शैली।
आयोजन समिति के अध्यक्ष वीएस वेदी व सचिव डॉ. तपिश साहू ने बताया कि आज कार्यशाला में आयोजित सीएमई (कन्टीन्यू मेडिकल एजूकेशन) में देश भर से ट्रेनिंग लेने आए 50 वैस्कुलर सर्जन, 20 जनरल सर्जन, 20 नर्स व टैक्नीशियन को नसों से जुड़ी अलग-अलग बीमारी व इलाज के बारे में ट्रेनिंग दी गई। खून की धमनियों की सूचरिंग (ऑपरेट करना) सिखाया गया। एआई साइमोलेटर पर भी ऑपरेट करना सिखाया गया। 7 अक्टूबर को शाम 7 बजे मुख्य अतिथि डॉ. अभिजात शेठ (अध्यक्ष नेशनल बोर्ड आफ एग्जामिनेशन) कार्यशाला का शुभारम्भ करेंगे। सात से नौ अक्टूबर तक वैरिकोज वेन्स, डायलिसिस के मरीजों के लिए बनाया जाने वाले एवी फिस्टुला, एओरटिक एनेयुरिज्म, डीप वेन थ्रोमबोसिस, डायबिटिक फुट अल्सर पर विशेषज्ञ चर्चा करेंगे।
दी डायलिसिस एसेस सोसायटी आफ सिंगापुर, मायो क्लीनिक (यूएसए) वैस्कुलर सर्जरी, वर्ल्ड फेडरेशन आफ वैस्कुलर सर्जन के पदाधिकारी और सदस्य दुनिया भर से कार्यशाला में शामिल होने के लिए आएंगे। कार्यशला में भारत में वैस्कुलर सोसायटी के संस्थापकों को सम्मानित किया जाएगा। मधुमेह रोगियों के पैर काटने यानी एम्पुटेशन की जरूरत न पड़े, इसके लिए जागरूकता की जाएगी। इस अवसर पर मुख्य रूप से आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. वीएस बेदी, सचिव डॉ. तपिश साहू, उपाध्यक्ष डॉ. संदीप अग्रवाल, प्रसीडेन्ट इलेक्ट डॉ. पीसी गुप्ता, कोषाध्यक्ष डॉ. अपूर्व श्रीवास्तव, मायो क्लीनिक की डॉ. मंजू कालरा, यूके डान कैस्टर से डॉ. नन्दन हल्दीपुर, यूके से डॉ. रघु लक्ष्मी नारायण, मस्कट से डॉ. एडविन स्टीफन, डॉ. केआर सुरेश, डॉ. रघु लक्ष्मी नारायण, डॉ. सात्विक, डॉ. आशुतोष पांडे आदि उपलस्थि थे।
ऐसे समझे नसों व न्यूरों की समस्या में अंतर…
आयोजन समिति के अध्यक्ष वीएस बेदी ने बताया कि अक्सर लोग नसों की समस्या को न्यूरों सर्जन के पास लेकर पहुंच जाते हैं। यदि खड़े रहने पर पीठ से जांघ तक जाने वाला दर्द न्यूरो यानि नर्व (तार) से सम्बंधित हो सकता है। कुछ देर चलने के बाद पिंडलियों में जकड़न की वजह रक्त नलियों में रुकावट के कारण हो सकती है।
नसों की बीमारियों से बचने के लिए ऐसा करे…
तम्बाकू का सेवन बिल्कुल न करें।
प्रतिदिन 5-10 हजार कदम अवश्य चलें।
उम्र बढ़ने के साथ भी शरीर को एक्टिव रखें।
बैकिंग वाली चीजें, जैसे पैस्ट्री, ब्रेड और फास्ट फूड आदि के सेवन से बचे।
ताजा और फाइवरयुक्त खाना खाएं।
शरीर के वजन को संतुलित रखें।