Agra News : Which contraceptive choice by Couple #agra
आगरालीक्स… आगरा में स्त्री रोग विशेषज्ञों ने की चर्चा, कपल्स कब कौन सा गर्भनिरोधक चुने।
142.86 करोड़ के साथ भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया है। ऐसे में जरूरी है कि गर्भनिरोध को लेकर एक बार फिर चर्चा की जाए और लोगों को इसके बारे में जागरू किया जाए।

रेनबो आईवीएफ की ओर से गर्भनिरोध: कब और कौन सा विषय पर एक कार्यशाला गुरूवार को संजय प्लेस स्थित होटल होली-डे इन में आयोजित की गई। इसमें शहर भर के स्त्री रोग विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया। मुख्य वक्त के रूप में उजाला सिग्नस रेनबो हाॅस्पिटल के निदेशक और शहर के वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डाॅ. नरेंद्र मल्होत्रा ने इस विषय पर ज्ञानवर्धन किया। उन्होंने कहा कि प्रिवार नियोजन का मतलब है कि दंपति अपनी मर्जी से फैसला करें कि उन्हें कब बच्चा चाहिए और कब नहीं। गर्भनिरोध के कई तरीके हैं जैसे नसबंदी, कंडोम, फीमेल कंडोम, गर्भनिरोधक गोलियां, इंजेक्शन और आईयूडी, हार्मोनल रिंग, काॅन्ट्रासेप्शन इंजेक्शन, सर्जिकल स्टरलाइजेशन, इंप्लांट, कटिस इंटरप्ट्स, कैलेंडर राइम मैथर्ड, वजाइनल डक, काॅन्ट्रासेप्टिव पैच, डायाफ्राम आदि। दुर्भाग्यवश भारत में एक युगल को अधिकांशतः एक ही तरीका पता होता है। इसलिए सभी तरीकों पर जानकारी होना जरूरी है। हो सकता है कुछ तरीके आपको सूट न करें जबकि कुछ जादू की तरह असर करें। विभिन्न प्रकार के गर्भनिरोध उपायों विभिन्न लाभ, हानियां और प्रभावशीलता का स्तर अलग-अलग है। इसके लिए अपने अनुभव के आधार पर डाॅक्टर आपकी मदद कर सकते हैं, बशर्ते आप उनके पास जाने में संकोच न करें।
रेनबो आईवीएफ कीं निदेशक डाॅ. जयदीप मल्होत्रा ने बताया कि दुनिया रहने के लिए एक छोटी जगह बनती जा रही है। विश्व की वर्तमान जनसंख्या 7.9 अरब जो 2050 तक 09 अरब पहुंच जाएगी। गर्भनिरोधक समय की जरूरत है। भारत में दुनिया की 17 फीसदी आबादी रहती है। 21 फीसदी सभी गर्भधारण के परिणाम स्वरूप जीवित जन्म अनियोजित होते हैं।
सभी गर्भधारण का लगभग 2/5 भाग अनपेक्षित होता है।
यदि गर्भनिरोध की अपूर्ण आवश्यकता को पूरा किया जाता है तो हम 55 मिलियन अवांछित गर्भधारण से बच सकते हैं, 22 मिलियन कम गर्भपात होंगे और 90000 कम मातृ मृत्यु होंगी।
इस अवसर पर डाॅ. मनप्रीत शर्मा, डाॅ. वर्षा, डाॅ. उर्वशी, डाॅ. दिव्या जैन आदि मौजूद थे।