Agra News : 1008 Shri Tirthakar Swami Janam Kalyanak Mahotsav
Agra, the city of mandis, where some mandis are still traded in the same name # agra news
आगरालीक्स…आगरा मंडियों का शहर है। अब मंडियों के नाम भी बदल गए हैं। कुछ मंडी ऐसी, जहां उसके नाम से काम। सब्जी मंडी छोड़कर आपको कौन से मंडी याद है।
आगरा रहा है प्रमुख व्यापारिक केंद्र
आगरा प्राचीन समय से ही प्रमुख व्यापारिक केंद्र होने के कारण आसपास के जिलों से ही नहीं दूरदराज से भी लोग खरीद-फरोख्त करने के लिए अपने सामान के साथ आगरा आते थे। इन मंडियों में उनके नाम से ही काम होता था अथवा सामान की खरीद-फरोख्त होती थी।
कुछ प्रमुख स्थानों की वजह से भी रखे मंडियों के नाम
आगरा बहुत से मंडियों के नाम वहां के प्रमुख स्थानों की वजह से भी रख लिए गए, जिनका व्यापार से भी कोई लेना-देना नहीं होता था लेकिन आज भी एक दो मंडियां ऐसी हैं, जहां उनके नाम के मुताबिक ही काम होता है।
आगरा की प्रमुख मंडियां
लोहामंडी, राजा की मंडी, गुड़ की मंडी, घास की मंडी, सोंठ की मंडी, नाई की मंडी, सिरकी मंडी, बांस की मंडी, रूई की मंडी, मंडी सईद खां, जीवनी (जीन) की मंडी प्रमुख हैं।
लोहामंडी अपने नाम के अनुरूप काम भी
लोहामंडी यह मंडी आज भी अपने नाम और काम से प्रसिद्ध है। इस क्षेत्र के आसपास आज भी लोहे का ही काम होता है। यहां आज भी लोहे लोहे के घरेलू सामान से लेकर लोहे के गार्डर, सरिया, चादर, ताले, जंजीर हर वस्तु लोहे की यहां मिलती है।
मुगलों के समय अस्त्र-शस्त्र होते थे तैयार
कहा जाता है कि मुगलों के शासनकाल में लोहामंडी में यहां अस्त्र-शस्त्र तैयार करने का बड़े पैमाने पर काम होता था। इसकी वजह से इसका नाम लोहामंडी पड़ा था और आज भी यह मंडी अपने काम के ही वजह से जानी जाती है।
राजा की मंडीः अब प्रमुख व्यापारिक केंद्र
राजा की मंडी आगरा का अब प्रमुख व्यापारिक केंद्र बन गया है। खासकर महिला, बच्चों और घरेलू सामान की हर वस्तु इस बाजार में मिल जाती है। इस बाजार में खरीदारी करने के लिए आगरा के ही नहीं दूरदराज के लोग आते हैं। अब यहां कपड़ों के शोरूम भी कई खुल गए हैं।
राजाजी के मंदिर की वजह से राजा की मंडी
राजा की मंडी के नाम को लेकर लोगों की अपनी-अपनी राय है। बल्काबस्ती में यहां राजा राम का प्राचीन मंदिर है, जो राजाजी के मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। संभतः आगरा में राजा राम के नाम का अकेला मंदिर है। राजाजी के मंदिर से अपभ्रंश होकर क्षेत्र का नाम राजा की मंडी पड़ गया।
हींग की मंडी- जूता कारोबार का प्रमुख स्थान
हींग की मंडी में हींग का तो लगभग एक सदी से कोई काम नहीं होता और कभी होता होगा तो इसके कोई पुख्ता प्रमाण नहीं लेकिन यह स्थान जूता कारोबार का प्रमुख स्थान था लेकिन समय के हिसाब से जूतों का काम भी यहां कम हुआ है। पहले फुव्वारा से रेडियो, साउंड सिस्टम की शुरुआत होती थी और रॉक्सी टॉकीज से मोतीकटरा के मार्ग तक जूतों का काम बहुत होता था लेकिन समय के साथ इसमें कमी आई है।
बांस की मंडी- अभी होता है बांस का कारोबार
बांस की मंडी बेलनगंज क्षेत्र में पड़ती है, जहां अभी भी कुछ स्थानों पर बांस, चारपाई आदि का काम होता है। लेकिन यह काम भी अब धीरे-धीरे सिमट रहा है।