बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में आजम ने कहा कि सिर्फ रामपुर नहीं, पूरे प्रदेश का विकास मकसद है। रामपुर की वाल्मीकि बस्ती को ढहाने के पीछे उनका हाथ होने के आरोपों पर सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि मुझे इस घटना की जानकारी नहीं है। कौन क्या कहता है, अगर यह सोचने लगा तो एक लम्हा भी नहीं जी पाऊंगा। आजम बोले कि मेरी नजर में मैं बहुत अच्छा इंसान हूं, रिश्वत नहीं लेता।
आजम ने बिना नाम लिए प्रधानमंत्री पर हमला करते हुए कहा कि जो लोग काला धन वापस लाने, बेरोजगारी खत्म करने और भारत को फिर सोने की चिड़िया बनाने की बात करते थे, उनसे कोई सवाल नहीं पूछता है कि उनके वादों का क्या हुआ। अल्पसंख्यकों से वोट का अधिकार वापस लेने के शिवसेना के सांसद संजय राउत की मांग का जवाब देते हुए आजम ने व्यंग्यात्मक अंदाज में कहा कि यह मांग पहली बार नहीं उठी है लेकिन अब केंद्र में उनकी सरकार है, संभव है कि यह अधिकार वापस ले लिया जाए। ऐसे माहौल में खामोश रहने के सिवाय कोई चारा नहीं बचा है। आजम ने गोरखपुर के सांसद की ओर भी इशारा करते हुए उनकी टिप्पणी को आपत्तिजनक बताया।
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