Balasore Train Accident : Coromandel Express @ 130 KM per Hour hit Goods Train due to falt in Electronic Interloking, Full Detail #trainaccident
ओडिशालीक्स….(2 मिनट में पूरी खबर) आगरा के राजा की मंडी ट्रेन हादसे ( 1985 ) की तरह ओडिशा में तीन ट्रेनें टकराई, कोरोमंडल 130 की स्पीड पर थी, लूप लाइन में खड़ी मालगाड़ी में जा घुसी, सामने से बेंगलूरू हावड़ा आ गई। क्यों टकराई जानें.
ओडिशा के बालासोर में एक छोटा स्टेशन बहानागा है। 2 जून की देर शाम को कोरोमंडल एक्सप्रेस बालासोर स्टेशन पहुंचने वाली थी, ट्रेन की स्पीड 130 था, छोटा स्टेशन होने के कारण ट्रेन का स्टॉपेज नहीं था। लोकोपायलट यानी ट्रेन के ड्राइवर को मेन लाइन पर ग्रीन सिग्नल मिला, ट्रेन 130 की स्पीड से आगे बढ़ रही थी लेकिन स्टेशन के आउटर पर इलेक्ट्रोनिक इंटरलॉकिंग (जिससे आटोमेटिक एक पटरी से दूसरी पटरी पर ट्रेन जाती हैं) अचानक से बदली और कोरोमंडल एक्सप्रेस मेन लाइन की जगह लूप लाइन में चली गई। लूप लाइन में ट्रेन की स्पीड 30 रहनी चाहिए, लूप लाइन पर ट्रेन को यलो और वाइट सिंग्नल मिलता है, इसका मतलब भी होता है कि स्पीड कम होनी चाहिए। जबकि ग्रीन सिग्नल पर ट्रेन तेज दौड़ती है। कोरोमंडल एक्सप्रेस अचानक से मेन लाइन की जगह लूप लाइन पर पहुंची और सिग्नल भी ग्रीन था इसके चलते लोकोपायलट ने स्पीड कम नहीं की। मगर, लूप लाइन पर मालगाड़ी खड़ी थी, चंद सेकेंड में कोरोमंडल एक्सप्रेस मालगाड़ी से टकरा गई, स्पीड अधिक होने के कारण इंजन मालगाड़ी पर चढ़ गया। कोरोमंडल एक्सप्रेस की बॉगी दूसरी तरफ की डाउन ट्रेक की मेन लाइन पर पहुंच गई।
कोरोमंडल एक्सप्रेस की बॉगियों को चीरती हुई चली गई बैंगलूरू हावड़ा एक्सप्रेस
कोरोमंडल एक्सप्रेस का इंजन मालागाड़ी पर चढ़ गया और बॉगी दूसरी तरफ की डाउन ट्रैक की मेन लाइन पर आ गईं, उसी समय डाउन ट्रैक की मेन लाइन पर बैंगलूरू हावड़ा एक्सप्रेस आ गई। बैंगलूरू हावड़ा एक्सप्रेस कोरोमंडल एक्सप्रेस की बॉगियों को चीरती हुई चली गई। तेज स्पीड होने के कारण बैंगलूरू हावड़ा एक्सप्रेस की बॉगी पलट गईं।
इलेक्ट्रोनिंग इंटरलॉकिंग से हुआ हादसा
तीन ट्रेनों के टकराने का कारण जांच में इलेक्ट्रोनिंग इंटरलॉकिंग सामने आया है। इसके कारण ही कोरोमंडल एक्सप्रेस मेन लाइन की जगह लूप लाइन में चली गई। रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव घटनास्थल पर ही मौजूद हैं और कैंप कर रहे हैं। उनका कहना है कि हादसा इलेक्ट्रोनिंक इंटरलॉकिंग के कारण हुआ है, यह कैसे हुआ यह पता किया जा रहा है जो भी दोषी हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
1985 में इसी तरह से राजा की मंडी स्टेशन पर हुए हादसे में 60 की हुई थी मौत
1985 में जून के महीने में ही आगरा कैंट स्टेशन की तरफ से आ रही मालगाड़ी दिल्ली की तरफ जा रही थी। राजा की मंडी स्टेशन पर ट्रेन अचानक से दिल्ली रूट की जगह सिटी स्टेशन की ट्रैक पर मुड़ गई। इसी दौरान दिल्ली से आगरा कैंट की तरफ तेज स्पीड से जा रही छत्तीसगढ़ एक्सपेस राजा की मंडी स्टेशन पर आ गई, छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस का इंजन मालगाड़ी में जा टकराया, बॉगी पलट गई। हादसे में 60 यात्रियों की मौत हुई थी।