
तिहाड देल के कैदी की वीआईपी सेवा
तिहाड़ जेल में निरुद्ध शातिर अपराधी मनोज उर्फ बक्करवाला के खिलाफ जगदीशपुरा थाने में हत्या और जानलेवा हमले का मामला चल रहा है। पांच साल पहले उसका नाम हत्या में आया था। गुरुवार को इसी मामले में पेशी के लिए दिल्ली पुलिस के छह पुलिसकर्मी मनोज को लेकर ट्रेन से आए थे। राजामंडी रेलवे स्टेशन पर ट्रेन से उतरे। इसके बाद बंदी मनोज को पुलिस लाइन से एस्कोर्ट उपलब्ध कराया गया। इसमें हेड कांस्टेबल समेत पांच पुलिसकर्मी थे। हत्या के मामले में मनोज को अपर जिला जज (दशम) की कोर्ट में पेश किया गया।
पूर्वाह्न 11:30 बजे दीवानी में पेशी से लौटने के बाद पुलिस टीम शातिर अपराधी को एमजी रोड स्थित एक शोरूम में शॉपिंग कराने ले गई। अंजना टाकीज के सामने स्थित एक जूते के शोरूम में मनोज जूता पसंद करने लगा। इसी बीच मीडियाकर्मियों की नजर उस पर पड़ी। अभिरक्षा में शॉपिंग कराते कैमरों में कैद होने पर पुलिसकर्मी बंदी को लेकर चल दिए। मामले की जानकारी पर एसएसपी राजेश डी. मोड़क ने एसपी सिटी राजेश कुमार सिंह को जांच सौंपी।
पंद्रह हजार का जूता किया था पसंद
शोरूम में पहुंचे शातिर अपराधी ने पंद्रह हजार की कीमत का जूता पसंद किया था। सूत्र बताते हैं कि उसने अभिरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों को भी जूते खरीदवाने का लालच दिया था, लेकिन इसके पहले ही मीडियाकर्मी पहुंच गए। बड़ा सवाल यह है कि बंदी के पास इतना पैसा कहां से आया? इससे साफ है कि बंदी को दीवानी में पेशी के बाद पैसा उपलब्ध कराया गया।
पुलिस अभिरक्षा से भाग चुके हैं बंदी
दीवानी में पेशी पर ले जाने के दौरान अभिरक्षा में लगे पुलिसकर्मी बंदियों को इसी तरह सुविधाएं मुहैया कराते हैं। कई दफा पुलिसकर्मियों की लापरवाही सामने आई है। दीवानी से कई बंदी इसी तरह भाग चुके हैं। इसके बाद भी पुलिसकर्मी थोड़े से लालच में बंदियों को छूट दे देते हैं।
ये हुए सस्पेंड
एसएसपी ने एस्कोर्ट में शामिल हेड कांस्टेबल वीरेंद्र सिंह और कांस्टेबल रामऔतार, रामवीर, संजय और आरक्षी चालक मुजफ्फर को निलंबित कर दिया है।
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