आगरालीक्स… आगरा में एक साल में फ्लैट का कब्जा न देने पर बिल्उर को तीन माह की सजा एवं दस हजार के जुर्माने से दंडित किया है।
नई बस्ती बालूगंज निवासी वीरेंद्र सिंह ने वरिष्ठ अधिवक्ता नत्थीलाल तोमर व श्याम टोनी के माध्यम से फोरम में मामला प्रस्तुत किया। इसमें कहा कि विपक्षी मैसर्स आकृति कंसक्ट्रशन प्राइवेट लिमिटेड के प्रोपराइटर प्रथमेश जैन ने लोहामंडी बोदला रोड की आवासीय योजना रायल आकृति रेजीडेंसियल अपार्टमेंट की तीसरी मंजिल पर फ्लैट संख्या 301 सात लाख रुपये में बेचने का एग्रीमेंट 15 जनवरी 2005 को किया था। उसने तीन लाख रुपये का भुगतान बिल्डर को किया था। एक साल के भीतर फ्लैट तैयार कर कब्जा देना था। लेकिन बिल्डर ने ऐसा नहीं किया। तब उसने न्याय के लिए बिल्डर प्रथमेश जैन उर्फ जौली जैन के विरुद्ध उपभोक्ता फोरम की शरण ली। उपभोक्ता फोरम द्वारा वर्ष 2014 में उसके पक्ष में आदेश पारित किया गया। उसके बावजूद बिल्डर ने आदेश का अनुपालन नहीं किया। तब फोरम ने धारा 27 के तहत बिल्डर को उक्त सजा से दंडित करने के आदेश दिए। फोरम ने थानाध्यक्ष हरीपर्वत को गिरफ्तारी वारंट भी प्रेषित किया है।
2 अगस्त को भेजा था जेल
आगरा के इन्वेस्टरों से पैसे लेकर एक्सप्रेस वे के नजदीक प्रोजेक्ट शुरू न करने पर एक बडे बिल्डर को जेल भेज दिया गया है। उस पर लाखों रुपये की धोखाधडी का मुकदमा दर्ज है। बिल्डिर के प्रोजेक्ट में इन्वेस्टर्स ने निवेश किया था, लेकिन चार साल बाद भी एक्सप्रेस वे के नजदीक सेवेन स्टार होटल और कॉमर्शियल कॉम्प्लेस का काम शुरू नहीं हुआ, इन्वेस्टर्स को ब्याज भी नहीं दी गई और अब मूल रकम देने के लिए भी वे तैयार नहीं है। इस पर कमला नगर निवासी इन्वेस्टर्स ने थाना हरीपर्वत में मुकदमा दर्ज कराया था। बिल्डिर दिल्ली के निवासी हैं, वहां की पुलिस ने दोनों को अरेस्ट किया था, उन्हें आगरा जिला जेल भेज दिया है। बिल्डर की जमानत पर मंगलवार को सुनवाई होनी है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कमला नगर निवासी एलआईसी एजेंट मितिन सुखवानी औन निखलेश अग्रवाल ने एक्सप्रेस वे के नजदीक 2012 में सेवेन स्टार होटल और कॉमर्शिलय कॉम्प्लेक्स प्रोजेक्ट की प्री लॉचिंग में बुकिंग कराई थी। आरोप है कि दिल्ली निवासी बिल्डिर ने एस्योर्ड रिटर्न का झांसा दिया था, जिसमें बैंक के बराबर ब्याज मिलनी थी और समय पर प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद पजेशन दे दिया जाएगा। इसके लिए मितिन ने 46 लाख और निलिखेश ने 11 लाख रुपये जमा कराए थे। मगर, यह प्रोजेक्ट शुरू नहीं हो सका, प्रोजेक्ट के लिए जमा की गई रकम और ब्याजा वापस मांगी गई, तो वह भी नहीं दी गई। इस मामले में दिल्ली के बिल्डर के खिलाफ थाना हरीपर्वत में मुकदमा दर्ज कराया गया, पुलिस ने चार्जशीट लगा दी, इस मामले में वारंट जारी हो गए, लेकिन बिल्डिर अरेस्ट नहीं किए गए।
दिल्ली पुलिस ने किया अरेस्ट
पीडित ने दिल्ली पुलिस को स्पीड पोस्ट से वांरट उपलब्ध कराए, इस पर दिल्ली पुलिस ने आरोपी दोनों बिल्डिर को राजेंद्र नगर, दिल्ली से अरेस्ट कर लिया, उन्हें जिला जेल भेज दिया गया है।
(इंटरनेट फोटो )
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