आगरालीक्स ..आगरा में दिल की बीमारी के मरीजों की जान बचाने पर डॉक्टरों ने डिस्कशन किया। रेनबो सोना कार्डियक केयर, आगरा डायबिटिक फोरम और इंडियन एसोसिएशन ऑफ क्लीनिकल मेडिसिन, आगरा ब्रांच द्वारा कार्यशाला का आयोजन किया गया।
डॉ प्रवीण चंद्रा, मेदांता हॉस्पिटल ने बताया कि हृदय की धमनियों में ब्लॉकेज होने पर ओपन हार्ट सर्जरी की जरूरत होती है। मगर, हाइब्रिड आॅपरेशन से कुछ धमिनयों को खोल दिया जाता है और ओपन हार्ट सर्जरी के बिना ही मरीज की जान बचाई जा सकती है। इसी तरह टिश्यू बेस्ड स्टेंट आ गए हैं, ये अंदर खुल जाते हैं, इससे एंजियोप्लास्टी के बाद संक्रमण का खतरा नहीं रहता है और धमनियों का आकार भी नहीं बदलता है। इसी तरह इंट्रा वैस्कुलर अल्ट्रासाउंड से हृदय की धमनियों का अल्ट्रासाउंड कर ब्लॉकेज का सटीक पता लगाया जा सकता है। इससे इलाज भी सस्ता हो गया है। वहीं उम्र के साथ हृदय के वॉल्व के सिकुड जाने पर पैर के रास्ते से ट्रांस कैथेटर एरोटिक वॉल्व इम्प्लांटेशन टावी द्वारा इलाज किया जा रहा है। डॉ विनीत गर्ग, डॉ प्रवेग गोयल ने हृदय रोगों की रोकथाम और बीमारी होने के बाद ट्रीटमेंट पर चर्चा की। पदमश्री डॉ डीके हाजरा, डॉ सुनील बंसल, डॉ नरेंद्र मल्होत्रा, डॉ राजकुमार गुप्ता, डॉ अरविंद जैन, डॉ तरुण सिंघल, डॉ डीपी अग्रवाल, डॉ एससी गुप्ता आदि मौजूद रहे।
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