
पुलिस ने अधिवक्ता प्रवीन गुलाटी की नौकरानी राजो तथा उसके बेटे से कई घंटे पूछताछ की। परंतु कोई खास सुराग न मिला। उन्होंने पुलिस को बताया मृतका दीक्षा जरूरत पड़ने पर मां को आवाज देती थीं। इससे माना जा रहा है कि मां की हत्या के दौरान उन्होंने शोर मचाने का प्रयास किया होगा, हत्यारे को पहचानती भी होंगी।
मां-बेटी का अंतिम संस्कार बुधवार शाम को ताजगंज स्थित श्मशान घाट पर किया गया। दोनों का पोस्टमार्टम दोपहर एक बजे होने के बाद शव घर आ गए थे। जम्मू-कश्मीर गईं बेटी और दामाद के इंतजार में शवों का अंतिम संस्कार नहीं किया गया था। बेटी दामाद दोपहर चार बजे पहुंचे, अंतिम संस्कार के दौरान अधिवक्ताओं के अलावा विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक संगठनों के लोगों की भीड़ वहां बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
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