आगरालीक्स.. आगरा विवि के दो पूर्व कुलपति प्रो डीएन जौहर, प्रो मोहम्मद मुजम्मिल, कुलसचिव, वित्त अधिकारी सहित 19 भ्रष्टाचार में फंसे, विजिलेंस ने जांच के बाद इनके खिलाफ थाना हरीपर्वत में मुकदमा दर्ज कराया है, पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है।
डॉ आंबेडकर विवि, आगरा के छात्र नेता मदन मोहन शर्मा ने विश्वविद्यालय में कुलपति, कुलसचिव, वित्त अधिकारी के साथ कर्मचारियों की मिलीभगत से किए गए करोडों के घोटालों की शिकायत की थी। मंगलवार को आगरा के एसपी सिटी प्रशांत वर्मा ने बताया कि एसपी विजिलेंस की तहरीर पर तत्कालीन कुलपति डीएन जौहर, तत्कालीन कुलपति मोहम्मद मुजम्मिल, तत्कालीन वित्त अधिकारी राम पटेल सिंह, वर्तमान वित्त अधिकारी अमरचंद सिंह, तत्कालीन कुलसचिव डी के पांडे, निदेशक गृह विज्ञान संस्थान भारती सिंह, इतिहास विभाग के लीडर अमित वर्मा, सहायक कुलसचिव (परीक्षा) अनिल कुमार शुक्ला, भौतिकी विभाग के रीडर बी पी सिंह, उप कुल सचिव (परीक्षा) प्रभात रंजन, डिप्टी रजिस्ट्रार वित्त महेंद्र कुमार, वेबमास्टर अनुज अवस्थी, कार्यवाहक वित्त अधिकारी बालजी यादव, गृह विज्ञान प्रवक्ता डॉ अनीता चोपड़ा, वित्त अधिकारी राम सागर पांडे, डायरेक्टर राघव नारायण, माइंड लॉजिस्टिक लिमिटेड बेंगलुरु के प्रोजेक्ट मैनेजर शैलेंद्र टंडन, मीनाक्षी मोहन और बालेश त्रिपाठी के खिलाफ आईपीसी की धारा 409, 420, 406, 120 बी और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 13(1) डी, 13(2) में मुकदमा दर्ज किया गया है।

पांच साल की जांच के बाद मुकदमा
पूर्व छात्र नेता मदन मोहन शर्मा ने 2013 में सुरक्षा एजेंसी घोटाला, परीक्षा एजेंसी घोटाला, परीक्षा रिजल्ट में गड़बड़ी घोटाला, पंडाल घोटाला, ट्रांसफर यात्रा पर फर्जी घोटाला, सफाई कर्मचारी भुगतान घोटाला, विश्वविद्यालय फंड इन्वेस्टमेंट घोटाला, फर्नीचर घोटाला, कंप्यूटर खरीद घोटाला सहित अन्य ऐसे घोटालों की शिकायत की थी. जिनमें बिना एग्रीमेंट के या टेंडर के एक ही संस्था को टेंडर दिए गए थे, पांच साल की जांच के बाद विजिलेंस एसपी आगरा ने छानबीन कर अपनी रिपोर्ट तैयार करके मंगलवार शाम विजिलेंस एसपी आनंद कुमार ने हरीपर्वत थाने पर विश्वविद्यालय में हुए घोटालों की तहरीर दी.जिस पर थाना अधिकारी महेश चंद्र गौतम ने मंगलवार देर रात एफआईआर दर्ज कर ली.