First Eco brick bench in Lajpat Kunj Park in Agra
आगरालीक्स … आगरा के एक पार्क में बनाई गई यह बेंच खास है, इसे ईको ब्रिक से बनाया गया है, होटल और कूडे से जुटाई गई 300 प्लास्टिक बोतल और प्लास्टिक वेस्ट से तैयार किया गया है। यह अनूठा प्रयोग अनफोल्ड आगरा संस्था द्वारा लाजपत कुंज पार्क आगरा में किया गया है। सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि यह भारत की पहली ईको ब्रिक से बनाई गई बेंच है।
इस तरह बना सकते हैं ईको ब्रिक
अनफोल्ड संस्था की पूनम कुन्द्रा ने ईको ब्रिक (प्लास्टिक की ईंटे) बनाने की तकनीक बताते हुए कहा कि इसमें घर में पेकिंगयुक्त सभी सामान की प्लास्टिक का प्रयोग किया जा सकता है। 1500 मिलीग्राम की बोलत में लकड़ी की डन्डी की सहायता से लगभग 500 ग्राम प्लास्टिक भर जाती है। इसे जोड़ने के लिए केमिकल का प्रयोग किया जाता है, जो आसानी से मार्केट में मिल जाता है। संस्था द्वारा अब तक 100 किलो की ईंटे बनाई जा चुकी हैं, यानि 100 किलो प्लास्टिक को पर्यावरण को प्रदूषित करने से रोका जा चुका है। इससे पब्लिक टॉयलेट, सोफा, बेंच (स्कूल व पार्कों में) ट्रीगार्ड, सहित कई चीजों का निर्माण किया जा सकता है। इंटोनेशिया व फिलिपिन्स जैसे की देशों में ऐसा किया जा रहा है।
परिवर्तित कर रहा प्लास्टिक
सर्जन डॉ. मीता कुल्श्रेष्ठ ने बताया कि पॉलीथिन को साफ्ट बनाने के लिए प्रयोग किया जाने वाला बीपीए (बिस फिनायल ए) मिट्टी से फल व सब्जियों के जरिए मनुष्य के शरीर में पहुंचकर हार्मोनल असंतुलन पैदा करता है। इनफर्टिलिटी के मामले बढ़ने की एक मुख्य वजह प्लास्टिक भी है। जीन्स को भी परिवर्तित कर रहा है प्लास्टिक है। एक भारतीय प्रतिवर्ष 11 किलो प्लास्टिक प्रयोग करता है जबकि एक अमेरिकन 109 किलो। इसके बावजूद वहां की नदिया और पर्यावरण स्वस्छ है। क्योंकि वहां प्लास्टिक निस्तारण ठीक तरह से किया जा रहा है।