आगरा के किसानों की फसल बर्बाद हो चुकी है। दिन ब दिन हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। हर दिन किसान सुसाइड कर रहे हैं, साथ ही सदमे से मौत हो रही है। शुक्रवार को थाना जगनेर के गांव नगला नानू में कर्जा लेकर ,खेती की थी। अब फसल बर्बाद हो चुकी है। ऐसे में दबंगों ने उन्हें फसल काटने से रोक दिया है। यही नहीं फसल काटने के लिए खेत पर गई महिलाओं के साथ अश्लील हरकत की और उन्हें दबोच लिया। किसी तरह वे अपनी इज्जत बचाकर दबंगों के चंगुल से छूट सकी। इसे लेकर किसान और उनके परिजन सुरक्षा की मांग के लिए आगरा कलक्ट्रेट में भूख हडताल पर बैठ गए हैं। वहीं, ताजगंज के श्यामो गांव में किसान केवल सिंह की 2 .5 बीघा फसल आग से जलकर स्वाह हो गई। अछनेरा के एक गांव में पफसल बर्बाद होने से सदमे से किसान भूरा की मौत हो गई।
जगनेर ब्लॉक के गांव भुवनपुरा निवासी 45 वर्षीय किसान बलवीर चौहान उर्फ पप्पू पुत्र रामस्वरूप चौहान ने तीन बीघा खेत में गेहूं और सरसों की फसल की थी। कुछ खेत बटाई पर भी लिया था। पिछले दिनों हुई बारिश और ओलावृष्टि ने फसल को बर्बाद कर दिया। तीन दिन पहले उन्होंने गेहूं की बालियों को देखा, तो उनमें दाना ही नहीं था। पिता रामस्वरूप चौहान के मुताबिक करीब दो लाख रुपये के कर्ज में डूबे बलवीर तभी से तनाव में थे। शुक्रवार को उन्होंने अपने घर में फांसी लगाकर जान दे दी। सूचना पर तहसील की टीम और पुलिस ने परिजनों से जानकारी ली, शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है।
उधर, अछनेरा के अरदाया निवासी 50 वर्षीय किसान विष्णु भगवान पुत्र पन्नालाल ने चार बीघा खेत, चालीस हजार में पट्टे पर लेकर गेहूं की फसल की थी। वह आगरा स्थित एक होटल में बिजली मिस्त्री की नौकरी भी करते थे। गुरुवार शाम वह खेतों पर गए तो फसलों की हालत देखी नहीं गई। खेत पर ही गश खाकर गिर पड़े। तबियत बिगड़ने पर परिजन घर लाए। रात साढ़े ग्यारह बजे उनकी मौत हो गई। परिजनों के मुताबिक उन्होंने बैंक से फसली ऋण ले रखा था। साहूकारों का भी पांच लाख के करीब कर्ज था। इसके चलते ही सदमे से उनकी मौत हो गई। मौके पर पहुंचे राजस्व निरीक्षक महेंद्र सिंह, एसआइ संजीव दुबे ने शव का पोस्टमार्टम कराया है।
तीसरी घटना अछनेरा के रायभा में हुई। यहां 53 वर्षीय किसान भूरा पुत्र गोपी सिंह गांव में राशन विक्रेता भी थे। वे अपने पुत्र धर्मेंद्र के साथ शुक्रवार सुबह खेतों पर गए थे। ढाई बीघा खेत में उगाई गेहूं की बालियों में कमजोर दाना देख उनकी हालत बिगड़ गई। उन्हें हरीपर्वत स्थित निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां भूरा को मृत घोषित कर दिया। सूचना पर तहसीलदार इंद्र नंदन सिंह, हलका लेखपाल, ग्राम विकास अधिकारी और पुलिस भी पहुंच गई। शव का पोस्टमार्टम कराया गया है।
मलपुरा के नगला दलसहाय निवासी किसान शिवराम के 30 वर्षीय पुत्र रामू ट्रक चालक थे। गुरुवार शाम को घर आने के बाद खेतों पर गए, तो बर्बाद फसलों को देख गहरा सदमा लगा। हालत बिगड़ने पर परिजन अस्पताल ले गए जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। हालांकि परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम कराने से इन्कार कर दिया। मृतक का अंतिम संस्कार गांव में ही कर दिया गया।
उधर, कागारौल में 70 वर्षीय किसान केवला राम की सदमे के चलते मौत हो गई। मृतक के नाती लोकेंद्र सिंह ने बताया कि केवला राम के पास डेढ़ बीघा जमीन व दो बीघा जमीन भेज पर लेकर गेहूं की फसल की थी। करीब अस्सी फीसद फसल नष्ट हो गई। इससे वे परेशान थे। गुरुवार रात को खाना खाकर सोए, सुबह बिस्तर पर मृत मिले। एसबीआइ से डेढ़ लाख का लोन ले रखा था। परिजनों का आरोप है कि उन्होंने लेखपाल को फोन पर सूचना दी, लेकिन कोई मौके पर नहीं आया इस मामले में एसडीएम राम सिंह गौतम से मोबाइल पर संपर्क किया गया, लेकिन बात नहीं हो सकी।
टूट गए बेटी ब्याहने के सपने
किरावली: फसल बर्बादी का आघात सहन न कर पाने वाले अरदाया के किसान विष्णु भगवान केचार बेटे और दो बेटियां हैं। दो बेटे और एक बेटी का विवाह पहले ही हो चुका है। चौथी बेटी के विवाह के योग्य है। रुंधे गले से परिजनों ने बताया कि वो घर से कहकर निकले थे कि फसल ठीकठाक हुई, तो बेटी के हाथ पीले कर देंगे। रायभा निवासी मृतक किसान भूरा ने भी चार बेटे-बेटियों में दो का विवाह कर दिया था। तीसरे नंबर की बेटी का रिश्ता भी भरतपुर के रूपवास में तय किया था। मगर फसल की हालत देख उन्हें ऐसा आघात लगा कि बेटी के विवाह के अरमान पूरे किया बिना ही वो दुनिया से अलविदा कह गए।
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