FSSAI’s new law: Preparation of unhealthy tag if there is more salt-sugar in packaged sweets & namkeen
आगरालीक्स…मिठाई-नमकीन के पैकेज्ड फूड पर नये नियम। चीनी-नमक के अधिक प्रयोग पर अनहेल्दी का लेबल। जानिये पेठे-दालमोंठ के बारे में

(एफएसएसएआई) के पैक्ड फूड के नये नियम
खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने पैक्ड फूड के लिए नये नियम बनाए हैं। इसके तहत चीनी और नमक का अधिक इस्तेमाल होने पर खाद्य पदार्थों पर अनहेल्दी लेबल लगाया जाएगा। इसका स्थानीय स्तर पर मिठाई और नमकीन बनाने वालों के कारोबार पर सीधे-सीधे असर पड़ेगा। इनके पदार्थों को अनहेल्दी का टैग मिलेगा।
पैकेज्ड फूड पर लगाने पड़ रहे हरे और लाल निशान
भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण यानी ने पैकेज्ड फूड पर हरे और नीले रंग के निशान लगवाए हैं। यह निशान बताते हैं कि फूड वेज है या नॉनवेज।
देसी मिठाइयों पर पड़ेगा नये नियम का असर
इसी तरह नए नियमों में खाद्य पदार्थों में अगर नमक और शक्कर (चीनी) का इस्तेमाल अधिक है तो इस पर अनहेल्दी का लेबल लगेगा। यदि ऐसा हुआ तो देशभर में बनने वाली पैक्ड देसी मिठाइयों, नमकीन के कारोबार पर सीधा असर पड़ेगा।
पेठा-दालमोंठ पैकेज्ड फूड में नहीः राजेश

आगरा के पेठे और दालमोंठ के बारे में नये कानून को लेकर शहीद भगत सिंह पेठा एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश अग्रवाल का कहना है कि पेठा और दालमोंठ पैकेज्ड फूड में नहीं आता है। पैक्ड फूड में मिठाई और नमकीन को मशीन से पैककर रखा जाता है, जबकि पेठा-दालमोंठ सिर्फ डिब्बे में रखकर दिए जाते हैं। इसकी वजह से यह दोनों चीजें इस दायरे से बाहर आती हैं। खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण का कानून खुले डिब्बे में रखने पर लागू नहीं होता है।
इसलिए
गजक-रेबड़ी मिठाई होती हैं सिर्फ स्वाद के लिए
इस संबंध में अन्य मिठाई और नमकीन कारोबारियों का कहना है कि लड्डू, गजक, रसगुल्ला, गुलाब जामुन, मलाईपूरी देसी मिठाइयां हैं। हमारे देश में कोई उसे खाकर पेट नहीं भरता है। सिर्फ स्वाद और टेस्ट बदलने के लिए खाए जाते हैं। ऐसे में ज्यादा उपयोग शरीर के लिए हानिकारक जैसी चेतावनी का डिब्बों पर उल्लेख सही नहीं है।
कारोबारी बोले- बड़ी कंपनियों के दबाव में फैसला
कुछ कारोबारियों का कहना है कि (एफएसएसएआई) बड़ी कंपनियों के दबाव में नियम बदल रहा है। इसका सीधा असर छोटे कारोबारियों पर होगा, जो दुकानें खोलकर मिठाइयां और नमकीन बनाकर बेच रहे हैं। इससे देश के पारंपरिक व्यंजनों से जुड़े व्यापार में बड़ी कंपनियों का दबदबा बढ़ेगा और स्थानीय व्यापारी बाहर हो जाएंगे।
देश में मिठाई-नमकीन कारोबार 13 सौ करोड़ का
भारत में मिठाई और नमकीन का प्रयोग लगभग हर घर में होता है। देशभर में नमकीन उद्योग का कारोबार सात से आठ सौ अरब रुपये से ज्यादा का है। देश में मिठाई उद्योग भी करीब पांच से छह सौ अरब रुपये का है। दीपावली तो बिना मिठाई और नमकीन के फीकी ही रहती है।
नये नियम का भी हो रहा विरोध
इस नए नियम का देश के मिठाई और नमकीन कारोबारियों ने विरोध शुरू कर दिया है। यह विरोध अन्य शहरों में भी तेजी से बढ़ रहा है।