Hernia: Delay in treatment can lead to fatal illness# agra news
आगरालीक्स…हर्निया का केवल ऑपरेशन ही है इलाज, देरी होने पर जानलेवा बन सकती है बीमारी…लेप्रोस्कोपिक सर्जन एवं हर्निया स्पेशलिस्ट /robotic surgeon डॉ. Karan R Rawat से जानिए हर्निया बीमारी के बारे में…
हर्निया एक बहुत ही आम बीमारी है जो लगभग दो फीसदी लोगों में होती है. इसलिए हम सभी के लिए इस स्वास्थ्य समस्या के बारे में जानना महत्वपूर्ण है. जानकारी के अभाव अथवा गलत जानकारी के कारण कई बार हर्निया के मरीज सही समय पर उचित उपचार से वंचित रह जाते हैं और तब यह बीमारी गंभीर हो जाती है, इतनी गंभीर कि जान के लिए भी खतरा पैदा हो जाता है.
1) क्या होता है हर्निया?
पेट की मांसपेशियों के किसी हिस्से में कमजोरी आने की वजह से वहां से पेट के अंदर के अंग, सामान्यतः आंतें बाहर आने लगती हैं और वह उस हिस्से में गुब्बारे-सी सूजन बना देती हैं. यह आमतौर पर नाभि के आसपास, जांघ या पेट के जोड़ वाले हिस्से (इनग्वायनल रीजन/ग्राईन) या पेट में पूर्व किए हुए ऑपरेशन के स्थान पर होता है. यह प्राय: पुरुषों में अधिक पाया जाता है. यह किसी भी आयु वर्ग में जन्म से लेकर वृद्धावस्था तक हो सकता है.
पेट के किसी भाग में गुब्बारेनुमा सूजन या फूलन होना. यह सूजन खड़े रहने, खांसने, चलने, भारी सामान उठाने या यूरिन अथवा शौच करने के समय जोर लगाने पर बड़ी हो जाती है. सूजन वाले स्थान पर लगातार हल्का दर्द भी होता रहता है.
यह सूजन लेटने या हाथ से दबाने पर पानी की गुड़-गुड़ जैसी आवाज के साथ अंदर चली जाती है या छोटी हो जाती है.
बहुत तेज दर्द, उल्टियां होना, पेट फूलना या दस्त नहीं होना इस बात का संकेत होता है कि हर्निया फंस गया या अटक गया है. यह जानलेवा भी साबित हो सकता है. ऐसे मरीज को तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए.
हर्निया सामान्य दिनचर्या में असुविधा या दर्द उत्पन्न कर सकता है. वजन उठाने या भारी काम करने में भी तकलीफ होती है. यहां तक कि सेक्स लाइफ पर भी असर पड़ता है. यहां यह ध्यान रखना जरूरी है कि समय के साथ हर्निया में ना तो सुधार होता है और ना ही जाता है, जैसा कि कई बीमारियों में होता है। बल्कि समय के साथ यह बढ़ता ही जाता है और गंभीर रूप धारण कर सकता है. हर्निया में आंतों के फंसने या अटकने की स्थिति में जान का खतरा उत्पन्न हो सकता है. इसलिए इसका उपचार तुरंत करवाना चाहिए.
आपरेशन एकमात्र समाधान
ऑपरेशन ही इसका एकमात्र स्थाई समाधान है. कोई भी दवाई, जड़ी-बूटी, योग हर्निया को नहीं हटा सकते. बेल्ट बांधना भी उचित इलाज नहीं है और यह कभी-कभी नुकसान भी पहुंचा सकता है. ऑपरेशन में विलंब इसकी जटिलताओं को न्योता देता है जो घातक साबित हैं सकता है. इसलिए जैसे ही इस बीमारी के बारे में मालूम पड़े, वैसे ही यथाशीघ्र योग्य सर्जन को दिखाकर ऑपरेशन करवा लेना चाहिए. यह ऑपरेशन किसी भी आयु वरमें किया जा सकता है, नवजात से लेकर 100 वर्ष के बुजुर्ग तक. ऑपरेशन कई प्रकार से किए जाते हैं जो मरीज की आयु और अन्य कारकों पर निर्भर करता है. जांच के पश्चात सर्जन ही आपके ऑपरेशन की उचित विधि का सुझाव देंगे.
क्या करें
ज्यादा भारी सामान नहीं उठाना चाहिए.
किसी भी तरह का जोर न लगाएं, जैसे शौच के समय या यूरिन करते समय.
खांसी हो तो उसका तत्काल इलाज लें, क्योंकि इससेहर्निया पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है.
व्यायाम ना करें जिससे कि हर्निया पर दबाव पड़े.
ज्यादा लंबे समय तक खड़े ना रहें.
धूम्रपान तुरंत बंद कर दें.
अतिशीघ्र विशेषज्ञ व योग्य सर्जन से सलाह लेकर ऑपरेशन कराएं.
हर्निया की वजह
टीबी, अस्थमा इत्यादि से लगातार होने वाली खांसी.
कब्जियत या मोटापा.
प्रोस्टेट की गठान या मूत्र मार्ग में रुकावट.
अनुवंशिक या जन्मजात.
लिवर की गंभीर बीमारियां.
प्रोटीन की कमी, कुपोषण.
अत्यधिक धूम्रपान करना.
ज्यादा भारी वजन उठाना.
मांसपेशियों की कमजोरी.
वृद्धावस्था या पैरालिसिस.
Dr Karan R Rawat
MBBS MS FMAS DMAS FICRS FIAGES mCRSA
Consultant Laproscopic/robotic/general surgeon
Safe surgery center
Agra
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