Agra Weather: Cold winds decreased the the temperature, There may
I-T Raid on shoe traders in Agra Continue after 30 hours, Cash counting machine increases #agra
आगरालीक्स…आगरा में जूता कारोबारियों के 13 ठिकानों पर आयकर विभाग की कार्रवाई 30 घंटे बाद भी जारी है। 60 करोड़ की नकदी गिनने में हांफी मशीनें।
आयकर विभाग, आगरा के इन्वेस्टीगेशन शाखा ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से मिली सूचना के आधार पर संयुक्त निदेशक जांच डॉ. अमरजोत के नेत्रत्व में शनिवार दोपहर 11 बजे हींग की मंडी स्थित हरिमिलाप ट्रेडर्स, एमजी रोड स्थित बीके शूज और उनके ही परिवार के ढाकरान स्थित मंशु फुटवियर पर छापा मारा।
हरमिलाप ट्रेडर्स के संचालक रामनाथ डंग के डबल बेड में मिली 500 के नोटों की गड्डी
आयकर विभाग के 80 अधिकारी और कर्मचारियों की टीम ने इन तीनों जूता कारोबारियों के 14 ठिकानों पर एक साथ छापे मारे। एक टीम हरमिलाप ट्रेडर्स के संचालक रामनाथ डंग और संजीव डंग के आलोक नगर, जयपुर हाउस स्थित आवास पर पहुंची। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आयकर विभाग की टीम को घर के अंदर डबल बेड में रखे बैगों में 500 के नोटों की गड्डी मिली, नोटों की संख्या इतनी अधिक थी कि नोटों को गिनने के लिए एक के बाद एक 10 मशीने मंगानी पड़ी।
30 से 60 करोड़ कैश मिलने का अनुमान
मीडिया रिपोर्ट में हरमिलाप ट्रेडर्स से 30 से 60 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है, देर रात तक नोटों की गिनती जा रही है। 500 500 के नोटों की संख्या अधिक होने पर कई टीमें नोट गिनने के लिए लगाई गई हैं। नकदी कितनी है इसकी अभी अधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
30 घंटे बाद भी आयकर विभाग की कार्रवाई जारी
शनिवार सुबह 11 बजे आयकर विभाग की टीम ने हरमिलाप ट्रेडर्स, बीके शूज और मंशु शूज पर छापा मारा, आयकर विभाग की टीम 13 ठिकानों पर जांच में जुटी है। कुछ ठिकानों पर जांच पूरी हो चुकी है। रविवार शाम छह बजे तक आयकर विभाग की कार्रवाई जारी थी।
इन पर मारे गए छापे
-हरमिलाप ट्रेडर्स -हींग की मंडी, जयपुर हाउस के आलोक नगर स्थित आवास प्रोपराइटर रामनाथ डंग और संजीव डंग
बीके शूज, सुभाष पार्क, एमजी रोड- प्रोपराइटर सूर्य नगर निवासी सुभाष मिड्डा और अशोक मिड्डा
मंशु शूज, ढाकरान,– प्रोपराइटर शंकर ग्रीन्स ताजनगरी फेज टू के रहने वाले हरदीप मिड्डा
जूता मार्केट में पर्ची से आयकर विभाग को मिले अहम सुराग
जूता बाजार में पर्ची सिस्टम चलता है, इसे ऐसे समझ सकते हैं, कोई जूता कारोबारी अपना माल दूसरे कारोबारी को देता है तो वह उसे माल के बदले में कैश नहीं देता है एक चेकनुमा पर्ची दे देता है, इस पर माल की डिलीवरी लेने वाली फर्म की मोहर छपी होती है, इसके साथ ही माल लिया गया है वह कितने का है और कब उसकी रकम दी जाएगी यह दर्ज होता है और हस्ताक्षर होते हैं। इसे एक तरह से जूता मार्केट के लिए बियरर चेक माना जाता है। खरीददार ने जो तिथि दर्ज की है उस तिथि पर इस पर्ची को लेकर पहुंचने पर वह कैश और चेक दे देता है। मगर, जूता मार्केट में टर्नओवर बनाए रखने के लिए कैश की जरूरत पड़ती है। जिन जूता कारोबारियों पर कैश होता है वे इन पर्चियों को कम रेट में खरीद लेते हैं और कैश दे देते हैं, इसे दो तरह से किया जाता है, कुछ कारोबारी प्रति सैकड़ा 40 से एक रुपये की ब्याज पर पर्ची के बदले में कैश का भुगतान करते हैं तो कुछ इन पर्चियों को कम रेट में खरीद कर कैश दे देते हैं और जब पर्ची का समय पूरा हो जाता है तो खरीददार से वे कैश ले लेते हैं।