Janmashtami Special: Remembrance of Lord Krishna’s lotus feet brings all the happiness, best benefits from Janmashtami mantras
आगरालीक्स… श्रीकृष्ण के चरण कमल के स्मरण मात्र से समस्त सुखों की प्राप्ति। जन्माष्टमी पर राशि अनुसार इन वैदिक मंत्रों का पाठ करें तो सर्वोत्तम लाभ और उन्नति।

श्रीकृष्ण के नलिनचरण सर्वलीलाधाम

ज्योतिष शोध संस्थान एवं रत्न भंडार के अध्यक्ष ज्योतिषाचार्य पंडित हृदय रंजन शर्मा के अनुसार श्रीकृष्ण के चरण कमल से स्मरण करने से व्यक्ति को समस्त आध्यात्मिक एवं भौतिक संपत्ति, सौभाग्य, सौंदर्य, और सगुण की प्राप्ति होती है। ये नलिनचरण सर्वलीलाधाम है। कृष्ण के चरणारविन्द हमारा सर्वस्व हो जाये और श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन व्यक्ति को अपनी बोलती या जन्म राशि के अनुसार भगवान विष्णु के वैदिक मंत्रों का 108 बार उच्चारण करना चाहिए जिससे कि उन्हें मिले सर्वोत्तम लाभ उन्नति ब हर प्रकार के कार्यों मै संतुष्टि।

श्री श्यामसुन्दर का दायां चरण
🏵 श्री श्याम सुन्दर के दाये चरण में “ग्यारह मंगल चिन्ह” हैं।
🔥 पादांगुष्ठ के मूल में एक “जौ ” का चिन्ह है उसके नीचे एक ‘चक्र’. चक्र के नीचे एक ‘छत्र’ है. एक ‘उर्ध्वरेखा’ पाँव के मध्य में प्रारंभ होती है, माध्यम के मूल पर एक रुचिर ‘कमल’ कुसुम है, कमल के नीचे ‘ध्वज’ है ,कनिष्ठा के नीचे एक ‘अंकुश’ है उसके नीचे एक ‘वज्र’ है एड़ी पर एक ‘अष्टभुज’ है जिसके चारो ओर चार प्रमुख दिशाओ में चार ‘स्वास्तिक’ है हर दो स्वास्तिक के बीच में एक ‘जम्बू फल’ है
🌺 जौ- जौ का दाना व्यक्त करता है कि भक्त जन राधा कृष्णके पदार विन्दो कि सेवा कर समस्त भोगो ऐश्वर्य प्राप्त करते है एक बार उनका पदाश्रय प्राप्त कर लेने पर भक्त कि अनेकानेक जन्म मरण कि यात्रा घट कर जौ के दानो के समान बहुत छोटी हो जाती है
🌻 चक्र – यह चिन्ह सूचित करता है कि राधा कृष्ण के चरण कमलों का ध्यान काम क्रोध लोभ मोह मद और मात्सर्य रूपी छै शत्रुओ का नाश करता है ये तेजस तत्व का प्रतीक है जिसके द्वारा राधा गोविंद भक्तो के अंतःकरण से पाप तिमिर को छिन्न भिन्न कर देते है
💥 छत्र – छत्र यह सिद्ध करता है कि उनके चरणों कि शरण ग्रहण करने वाले भक्त भौतिक कष्टों कि अविराम वर्षा से बचे रहते है
🌸 उर्ध्व रेखा – जो भक्त इस प्रकार राधा श्याम के पद कमलों से लिपटे रहते है मानो वे उनकी जीवन रेखा हो वे दिव्य धाम को जाएँगे
🍁 कमल – सरस सरसिज राधा गोविंद के चरणविंदो का ध्यान करने वाले मधुकर सद्रश भक्तो के मन में प्रेम हेतु लोभ उत्पन्न करता है
🌟 ध्वज – ध्वज उन भक्तो कि भय से बचाता और सुरक्षा करता है जो उनके चरण सरसिज का ध्यान करते है विजय का प्रतीक है
🌷 अंकुश – अंकुश इस बात का घोतक है कि राधा गोविद के चरणों का ध्यान भक्तो के मन रूपी गज को वश में करता है उसे सही मार्ग दिखाता है
🏵 वज्र- वज्र यह बताता है कि श्री कृष्ण के पाद पंकज का ध्यान भक्तो के पूर्व पापों के कर्म फलो रूपी पर्वतो को चूर्ण चूर्ण कर देता है
🌹 अष्टकोण – यह बताता है जो श्री कृष्ण के चरणों कि आराधना करते है वे अष्ट दिशाओ से सुरक्षित रहते है
🔥 स्वास्तिक – जो व्यक्ति श्री कृष्ण के चरणों को अपने मन में संजो के रखता है उसका कभी अमंगल नहीं होता
🌺 चार जंबू फल – वैदिक स्रष्टि वर्णन के अनुसार जंबू द्वीप के निवासियों के लिए श्री कृष्ण के लिए राजीव चरण ही एक मात्र आराध्य विषय है
💥 श्री श्याम सुन्दर के बायाँ चरण
🌻श्री श्याम सुन्दर के बाये चरण में “आठ शुभ चिन्ह” है
🌟 पादांगुष्ट के मूल पर एक ‘शंख’ है, मध्यमा के नीचे दो ‘संकेंदो वृत्त’ शोभायमान है,उसके नीचे एक ‘प्रत्यंचा रहित धनुष” है. धनु के नीचे ‘गाय के खुर’ का चिन्ह अंकित है उसके नीचे चार ‘कुम्भो’ से घिरा एक ‘त्रिकोण’ है त्रिकोण के नीचे एक ‘अर्धचंद्र’ है और एड़ी पर एक ‘मीन’ है
♦ शंख – शंख विजय का प्रतीक है यह बताता है कि राधा गोविंद के चरणकमलो कि शरण ग्रहण करने वाले व्यक्ति सदैव दुख से बचे रहते है और अभय दान प्राप्त करते है
🌸आकाश – यह दर्शाता है श्री कृष्ण के चरण सर्वत्र विघमान है श्री कृष्ण हर वस्तु के भीतर है
🌷 धनुष – यह चिन्ह सूचित करता है कि एक भक्त का मन उनके चरण रूपी लक्ष्य से टकराता है तब उसके फलस्वरूप प्रेम अति वर्धित हो जाता है
🌹 गाय का खुर – यह इस बात का सूचक है कि जो व्यक्ति श्री कृष्ण के चरणारविंदो कि पूर्ण शरण लेता है उनके लिए भाव सागर गो खुर के चिन्ह में विघमान पानी के समान छोटा एवं नगण्य हो जाता है उसे वह सहज ही पार कर लेता है
🔥 चार कलश – श्रीकृष्णा के चरण कमल शुद्ध सुधारस का स्वर्ण कलश धारण किये और शरणागत जीव अबाध रूप से उस सुधा रस का पान कर सके
🏵 त्रिकोण – कृष्ण के चरणों कि शरण ग्रहण करने वाले भक्त त्रिकोण कि तीन भुजाओ द्वारा त्रितापों और त्रिगुण रूपी जाल से बच जाते है
🌺 अर्धचंद्र – यह बताता है कि जिस प्रकार शिव जी जैसे देवताओं ने राधा गोविंद के चरणारविन्दों के तलवो से अपने शीश को शोभित किया है इसी प्रकार जो भक्त इस प्रकार राधा और कृष्ण के पदाम्बुजो द्वारा अपने शीश को सुसज्जित करते है वे शिव जी के समान महान भक्त बन जाते है।
💥 मीन – जिस प्रकार मछली जल के बिना नहीं राह सकती उसी प्रकार भक्तगण क्षण भर भी राधा शेम सुन्दर के चरणाम्बुजों के बिना नहीं रह सकते
⭐इस प्रकार श्री कृष्ण के दोनों चरणों में “उन्नीस शुभ चिन्ह” है
राशि मंत्र इस प्रकार है
🌹 मेष राशि मंत्र – ॐ ह्रीं श्री लक्ष्मीनारायणाय नम:
⭐वृषभ राशि मंत्र – ॐ गोपालाय उत्तरध्वजाय नम:
🌸 मिथुन राशि मंत्र – ॐ क्लीं कृष्णाय नम:
🔥 कर्क राशि मंत्र – ॐ हिरण्यगर्भाय अव्यक्तरुपिणे नम:
💥 सिंह राशि मंत्र – ॐ क्लीं ब्राम्हण जगतआधाराय नम:
🍁 कन्या राशि मंत्र – ॐ नमो श्री पीताम्बराय नम:
🏵 तुला राशि मंत्र – ॐ तत्व निरंजनाय नम:
🌺 वृश्चिक राशि मंत्र – ॐ नारायणाय सुरसिंघाय नम:
🌟 धनु राशि मंत्र – ॐ श्री देवकृष्णाय उर्ध्वदंताय नम:
🌸 मकर राशि मंत्र – ॐ वात्सल्याय नम:
🔥 कुंभराशि मंत्र – ॐ श्री उपेन्द्राय अच्युताय नम:
🌻 मीन राशि मंत्र – ॐ क्लीं उद्धृताय उद्धारिणे नम:
🎄जिन लोगोंको तकलीफ है या जिसके जीवन में समस्या ज्यादा है या कष्ट ज्यादा है, वे अपने इष्टदेव अथवा गुरुदेव को स्मरण करते हुये ये विधि कर सकते है। इस से सुख-शांति की वृद्धि होती है और अंतर में जितनी श्रद्धा-आस्था रखेंगे, उतनी लाभ प्राप्ति होते है