आगरा में जिला जेल में मासूमों के चेहरे मुस्काए
आगरालीक्स आगरा की जिला जेल में मासूम सी उम्र, बिना किसी कसूर के ही अभिशप्त होकर जिंदगी की शुरूआत कर रहे बच्चों पर कल्याणकारी महिला समिति का स्नेह बरसा। समिति सदस्याओं ने जिला जेल में महिला कैदियों के साथ रहे रहे बच्चों को कपडे, प्रसाधन का सामान व अन्य सामग्री भेंट की।
कल्याणकारी महिला समिति की सदस्याओं ने शुक्रवार को जिला जेल में महिला कैदियों के साथ रह रहे बच्चों को रोजमर्रा की जरूरत का सामान भेंट किया। शून्य से पांच वर्ष तक के दर्जनों बच्चों को कपडे, प्रसाधन का सामान व अन्य सामग्री प्रदान की गई। सामान पाकर बच्चों के साथ ही महिला कैदियों के चेहरे भी खिल उठे। समिति अध्यक्ष अशु मित्तल ने का कहना था कि बच्चे भगवान का रूप होते हैं, उनकी मुस्कुराहट को ईश्वर की कृपा माना जाता है। बच्चों के चंचल स्वभाव के कारण उनकी हर गलती को आनंद का हिस्सा माना जाता है। ऐसे बेगुनाह फितरत वाले मासूमों को मानो वसीयत में जेल मिली है। कारागार में बंद महिलाओं के साथ उनके बच्चे भी पल रहे हैं। इनकी देखभाल जिला प्रशासन ही करता है, लेकिन इन बच्चों की मदद के लिए हम कुछ तो कर ही सकते हैं। समिति की सचिव रीना गर्ग ने कहा कि जेल प्रशासन जिस तरह इन बच्चों के देखभाल और इन्हें शिक्षित कर अच्छा इंसान बनाने का जिम्मा उठा रहा है वह काबिले तारीफ है। हमें भी इस काम में जेल प्रशासन की मदद करनी चाहिए। कोषाध्यक्ष सविता पालीवाल ने कहा कि जेल में ऐसी कई महिला कैदी हैं, जिनके बच्चे छोटे हैं, वह उनके साथ जेल में ही रहते हैं। इनमें शून्य से आठ वर्ष तक के बच्चे हैं। पांच वर्ष तक के बच्चों को अपनी मां की जरूरत है, उन्हें अलग नहीं किया जा सकता। वहीं पांच से आठ वर्ष तक की आयु के ऐसे बच्चे भी हैं जिनकी बाहर परवरिश करने वाला कोई नहीं है, इसलिए उनकी देखभाल अभी जेल प्रशासन के ही भरोसे है। ऐसे में समिति ने इन बच्चों की थोडी सी मदद के लिए जेल प्रशासन से अनुमति लेकर इन्हें जरूरत का सामान प्रदान किया। उन्होंने संस्था की ओर से भविष्य में भी बच्चों को जरूरत की चीजें देने का भरोसा दिया। इस अवसर पर मीरा अग्रवाल, नीति अग्रवाल आदि मौजूद थे।