KPIMS, Agra : Nephrotic Syndrome increases in children #agra
आगरालीक्स….. आगरा में बच्चों में नेफ्रोटिक सिंड्रोम, कोरोना काल के बाद मिसी की समस्या बढ़ गई है। इसके इलाज पर की गई चर्चा।
इंडियन एकेडमी आफ पिडियाट्रिक्स आईएपी आगरा द्वारा रविवार को होटल हॉलिडे इन में गोष्ठी आयोजित की गई। आईएपी आगरा के अध्यक्ष डॉ. अरुण जैन ने बच्चों में बढ़ रही बीमारियों की जानकारी दी। डॉ. नंदिनी चौधरी हजारिका ने बच्चों में पाई जाने वाली अनुवांशिक बीमारी थैलेसीमिया मेजर पर व्याख्यान दिया । उन्होंने बताया की थैलेसीमिया के बच्चों में खून की कमी आ जाती है ,उन्हें हर एक महीना खून चढ़ाना पड़ता है जिसकी वजह से बच्चे में आयरन की मात्रा अधिक हो जाती है और उसको कम करने के लिए चिलेशन थेरेपी देनी पड़ती है इस बीमारी को ठीक करने में बोन मेरो ट्रांसप्लांट ही एक विकल्प है। डॉ. अमित अग्रवाल ने बच्चों में गुर्दे से संबंधित बीमारी नेफ्रोटिक सिंड्रोम के ऊपर व्याख्यान दिया ।यह बीमारी आमतौर पर छोटे बच्चों में अधिकतम पाई जाती है इसमें बच्चे के पूरे शरीर में पानी भर जाता है , समय रहते अगर इस बीमारी का उपचार किया जाए तो नतीजे काफी अच्छे मिलते हैं। डॉ. चंद्रशेखर सिगहा ने बच्चों में पाई जाने वाली बीमारी मिसी के बारे में विस्तार से बताया यह बीमारी कोविड से ग्रस्त बच्चों में पाई जाती है इसके इलाज पर भी चर्चा की। सचिव डॉ. योगेश दीक्षित, डॉ. नंदिनी चौधरी हजारिका , डॉ. चंद्रशेखर सिंह , डॉ. अमित अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष डॉ. सुनील अग्रवाल , डॉ. सुभाषिनी गुप्ता, डॉ. प्रेम आशीष मजूमदार आदि मौजूद रहे।