
आगरा के मंटोला निवासी आठ साल की तैयबा को शनिवार को जीबी पंत हॉस्पिटल, नई दिल्ली भेज दिया गया। वहां उसके जन्मजात दिल में छेद कंजनाइटल हार्ट डिफेक्ट का आॅपरेशन होना है। तैयबा के परिजन तीन साल से आॅपरेशन के लिए भटक रहे थे, आगरा विकास मंच ने इलाज नहीं कराए, आॅपरेशन का भरोसा दिलाकर फोटो कराने में कोई कमी नहीं की। तैयबा ने पीएम मोदी को पत्र लिखा, उन्होंने जीबी पंत हॉस्पिटल नई दिल्ली में फ्री आॅपरेशन कराने का जवाब भेज दिया। इसमें पीएम की तारीफ करने के बजाय उनकी सरकार के एक साल की सबसे बडी नाकामी है। तैयबा का फ्री इलाज कराने के लिए पत्र लिखना पडा यह बहुत बडा झटका है। हकीकत यह है कि एम्स के बाद दिल की बीमारी के लिए देश का दूसरा सरकारी संस्थान जीबी पंत हॉस्पिटल, नई दिल्ली है। क्या आप जानते हैं कि इस हॉस्पिटल में हर मरीज का फ्री इलाज होता है। यहां तक कि दवाएं भी फ्री दी जाती हैं। यहां देश भर से मरीज आते हैं, उनके पास डॉक्टर और हॉस्पिटल की रेफरल स्लिप होनी चाहिए, सुबह नौ बजे से ओपीडी शुरू होती है, मरीजों को जनरल वार्ड में भर्ती किया जाता है। इसके बाद आॅपरेशन, जांचें, दवाएं से लेकर खाना भी फ्री में मिलता है। अफसोस, तैयबा जैसे हजारों मरीजों के परिजनों को सरकारी इलाज की सुविधा की जानकारी नहीं है। यदि देश भर में इसका प्रचार किया जाए। सरकारी हॉस्पिटल में सख्त निर्देश दिए जाएं कि गंभीर मरीजों को सिर्फ सरकारी अस्पतालों मे ही रेफर किया जाए। वहीं, समाजसेवा कर रहे संगठनों को भी स्पष्ट निर्देश दिए जाएंगे कि बडे निजी कारपोरेट हॉस्पिटल का धंधा कराने के लिए माध्यम बनने की जगह इन मरीजों को सरकारी अस्पताल में इलाज कराने के लिए संघर्ष किया जाए। उन्हें सरकारी अस्पताल भेजे, उनका इलाज कराएं, समस्या आने पर समाधान करवाएं। यह भी बंद होना चाहिए कि तैयबा मुस्लिम है, मोदी सरकार जो मुस्लिम विरोधी मानी जाती है, वे मुस्लिम बेटी का इलाज करा रहे हैं। आपको जानकार हैरानी होगी कि सरकारी अस्पतालों की सुविधाओं का सबसे ज्यादा लाभ मुस्लिम मरीज ही ले रहे हैं। ये सरकारी हॉस्पिटल का खर्चा भी तो हमारे और आप के टैक्स से दिया जा रहा है। वहीं, एम्स, जीबी पंत, लोकनायक सहित देश के बडे सरकारी अस्पतालों की क्षमता दुगनी कर दी जाए तो तैयबा को क्यों भटकना होगा।
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