आगरालीक्स… आगरा में हुई कार्यशाला में कहा कि आपके रक्त में मौजूद ग्रोथ फैक्टर (पीआरपी तकनीक) आपके गंजेपन की समस्या को दूर कर सकते हैं। इतना ही नहीं चेहरे की झांईयां और झुर्रियां भी मुहांसो के निशान भी ग्रोथ फैक्टर से गायब हो जाएंगे। प्रदूषण और हैवी मैटिल युक्त सस्ते कैमिकल प्रोडक्ट युवावस्था में ही त्वचा को बीमार (झाईंया, झुर्रियां, मुहासे) बना रहे हैं। इसलिए जरूरी है कि फास्ट फूड के बजाय, संतुलित और पौष्ठिक आहार के साथ प्रदूषित वातावरण से दूर रहें।
यह जानकारी मुम्बई की कॉस्मेटोलॉजिस्ट नीलम गुलाटी ने दी। रेनबो हॉस्पीटल में आयोजित टॉक शो (लुक गुड फील गुड) में बोलते हुए उन्होंने बताया कि शिशु की त्वचा में अधिक मात्रा में कोलेजन होने की वजह से वह सुंदर और मुलायम होती है। लेकिन उम्र के साथ कोलेजन कम होता जाता है। त्वचा में पर्याप्त मात्रा में कोलेजन बना रहे, इसके लिए प्रोटीनयुक्त डाइट लें। लेजर फेशियल इसका दूसरा विकल्प है, जो त्वचा के अंदरूनी भाग में पहुंचकर ढीले पड़ चुके कोलेजन को टाइट करती है। त्वचा को फ्रेश रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन बेहद जरूरी है। लेकिन लगातार बढ़ रहे प्रदूषण के कारण अब मार्केट में आक्सीजन पम्प और मास्क भी उपलब्ध हैं, जो आपको युवा दिखने में मदद करते हैं।उन्होंने पीडीओ (थ्रेड) से भी चेहरे की झुर्रियां खत्म करने पर भी प्रिजेन्टेसन दिया। इस अवसर पर डॉ. आरएन मल्होत्रा, डॉ. नरेन्द्र मल्होत्रा, सुनील गुलाटी, डॉ. मनप्रीत शर्मा, रेनुका डंग, डॉ. वंदना कालरा, डॉ. राजीव लोचन शर्मा, डॉ. बच्चू सिंह, राकेश आहूजा आदि उपस्थित थे।
सस्ते के चक्कर में त्वचा को खराब न करें
आगरा। सस्से कॉस्मेटिक के चक्कर में कहीं आप त्वचा को खराब तो नहीं कर रहे। ज्यादातर सस्ते कॉस्मेटिक प्रोडक्ट विशेषकर लिपिस्टिक और क्रीम में लेड जैसे हेवी मैटल मिलाए जाते हैं। जो कार्सिनोजनिक होने के साथ त्वचा व होंठ पर पिंगमेंटेश पर उन्हें काला कर देते हैं। अक्सर देखने को मिलता है कि लगातार लिपिस्टिक लगाने पर होंठ काले पड़ गए। इसका कारण हेवी मैटिल से होने वाला पिगमेंटेशन है।
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