
शुक्रवार दोपहर लगभग तीन बजे पुलिस बल के साथ पहुंचीं सिटी मजिस्ट्रेट रेखा एस चौहान और उप सचिव सुनीता यादव की मौजूदगी में कालोनी की अंतिम पंक्ति में बने छह खाली मकान ध्वस्त किए गए। इससे पहले बुल्डोजर की मदद से एडीए ने गेस्ट हाउस को जमींदोज कर दिया। कार्रवाई के दौरान लोग घरों से बाहर निकल आए। खासपुर में महेंद्र सिंघानिया ने अपने साथियों के साथ मिलकर वर्ष 2010 में मां गौरी टाउन विकसित की। निम्न, मध्य वर्गीय लोगों को ध्यान में रखते हुए वहां 60-80 वर्ग गज के मकान बनाए गए। इसमें लगभग 150 भवनों का निर्माण हो चुका है। इसके बाद और भवन बनाए जा रहे थे। वर्तमान में लगभग 65 परिवार वहां बस चुके हैं।
यह है मामला
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के सख्त रुख के चलते पिछले तीन महीने के दौरान एडीए नदी किनारे निर्माणों को ध्वस्त करने के लिए तीन बार अभियान छेड़ चुका है। मां गौरी टाउन का नंबर पहले ही अभियान में था, मगर यहां रह रहे दर्जनों परिवारों ने कुछ दिन की मोहलत मांगी थी।
इसके बाद कुछ लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कार्रवाई रोकने की मांग की। इस पर हाईकोर्ट ने कमिश्नर पर फैसला छोड़ दिया था। पिछले दिनों कमिश्नर प्रदीप भटनागर ने लोगों की अपील खारिज कर दी और कालोनी को अवैध घोषित कर दिया था।
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