आगरालीक्स…आगरा से प्रयागराज महाकुंभ जा रहे हैं तो जानें कहां ठहरें और पार्किंग कहां होगी. घाट तक जाने के लिए रेलवे स्टेशन और पार्किंग से कितना चलना होगा, कितने किमी पहले रोक दी जाएंगी बसें
प्रयागराज महाकुंभ 2025 का शुभारंभ हो गया है. 13 जनवरी से 26 फरवरी तक लगने जा रहे इस महाकुंभ में एक अनुमान के अनुसार 40 करोड़ लोग आ रहे हैं. सोमवार 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा पर पहला शाही स्नान है, इसके अगले दिन 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर दूसरा शाही स्नान हैं. 29 जनवरी मौनी अमावस्या को तीसरा शाही स्नान है तो बसंत पंचमी 3 फरवरी को चौथा और 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा पर पांचवां शाही स्नान है. छठवां और अंतिम शाही स्नान 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर होगा. इन छह शाही स्नान पर ही सबसे अधिक लोगों की भीड़ प्रयागराज पहुंचेगी. ऐसे में अगर आप भी प्रयागराज महाकुंभ में शाही स्नान पर ही जाना चाहते हैं तो जानें कैसे आपके लिए क्या व्यवस्थाएं होंगी.
शाही स्नान पर 10 किमी पहले रोक दी जाएंगी बसें
प्रयागराज में एंट्री के लिए मुख्य रूप से 7 रास्ते हैं. बस और निजी वाहन से आने वाले लोग इन्हें रास्तों से होते हुए संगम पहुंचेंगे. शाही स्नानों से एक दिन पहले और एक दिन बाद तक कुंभ मेला क्षेत्र नो व्हीकल जोन होगा. यह नियम उन सड़कों पर लागू होगा जो सीधे संगम को हो जाती हैं. लखनऊ या अयोध्या की तरफ से आ रहे हैं तो मलाका के पास ही आपकी बस खड़ी हो जाएगी. इसी तरह कानपुर से आने वाली बसों को भी संगम से करीब 10 किलोमीटर पहले रोक दिया जाएगा. निजी वाहनों को सुविधानुसार ही आगे आने दिया जाएगा.
102 पार्किंग, 70 प्रतिशत 5 किमी दूर
प्रशासन ने पूरे जिले में कुल छोटी और बड़ी 102 पार्किंग बनाई है. इनमें 70 प्रतिशत पार्किंग स्नान घाट से 5 किलोमीटर के अंदर हैं तो बाकी 30 प्रतिशत पार्किंग 5 से लेकर 10 किलोमीटर की दूरी पर हैं. 24 सैटेलाइट पार्किंग है, इनमें से 18 मेला क्षेत्र में और 6 प्रयागराज शहर में है. यहां पीने का पानी, शौचालय, प्राथमिक इलाज, पब्लिक एड्रेस सिस्टम मौजूद हैं.
स्टेशन से भी काफी पैदल चलना होगा
महाकुंभ के दौरान तीन हजार स्पेशल ट्रेन शुरू की गई हैं. ये ट्रेनें 13 हजार से अधिक फेरे लगाएंगी. जिले में प्रयागराज जंक्शन के अलावा 8 सब स्टेशन हैं. ये कुल तीन जोन उत्तर मध्य रेलवे, उत्तर रेलवे और पूर्वोत्तर रेलवे में बांटे गए हैं. कानपुर, सतना, झांसी होते हुए जो ट्रेन कुंभ में पहुंचेंगी, वह प्रयागराज जंक्शन पर रुकेगी. यहीं से गाड़ी चलेगी भी. सतना, झांसी और दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन की तरफ से जो रूटीन गाड़ियां आएंगी, उन्हें नैनी और छिक्की जंक्शन पर रोका जाएगा. प्रमुख स्नान पर्व पर कुंभ के लिए स्पेशल गाड़ियों को भी वहीं रोके जाने की संभावना है. इसके अलावाप जिस दिन शाही स्नान होगा उस दिन कानपुर की तरफ से आने वाली गाड़ियों को सूबेदारगंज स्टेशन पर रोका जाएगा. प्रयागराज जंक्शन पर एक नंबर प्लेटफार्म की तरफ से एंट्री होगी. यहां से संगम की दूरी करीब 10 किमी है. ऐसे में उसे मुख्य स्नान पर्व पर करीब 20 हजार कदम पैदल चलकर पहुंचना होगा.
महाकुंभ आएं तो कहां रुकें
महाकुंभ में आने वाले लोगों के लिए ठहरने की व्यापक व्यवस्था की गई है. मेले में 10 लाख लोगों के रुकने की व्यवस्था की गई है. इनमें फ्री और पेड दोनों तरह की व्यवस्था है. जैसे आप लग्जरी व्यवस्था चाहते हैं तो संगम के ही किनारे बस सकते हैं. वहां डोम सिटी बसाई जा रही है. इसका किराया प्रतिदिन का 80 हजार रुपये से लेकर सवा लाख रुपये तक है. इसके आसपास ही 2000 कैंप की टेंट सिटी बनाई गई है. यहां रहने पर आपको तीन हजार से लेकर 30 हजार रुपये तक देना होगा. इसके लिए भी बुकिंग भी पहले करानी होगी. पूरे शहर में 42 लग्जरी होटल हैं. इसके अलावा मेला क्षेत्र में 100 आश्रय स्थल हैं, हर आश्रयस्थल में 250 बेड हैं. 10 हजार से अधिक स्वयंसेवी संस्थाओं ने श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था की है.
स्टेशन के आसपास 50 होटल, 204 गेस्ट हाउस, धर्मशालाएं और पीजी
प्रयागराज स्टेशन के पास 50 होटल हैं, यहां पर आप ठहर सकते हैं. स्टेशन के बाहर ही प्रयागराज नगर निगम ने रैन बसेरे भी लगाए हैं. इसमें ठंड से बचाव की सारी व्यवस्थाएं हैं. संगम के आसपास भी कुल 3 हजार बेड के रैन बसेरे बनाए गए हैं. पूरे जिले में 204 गेस्ट हाउस हैं. 90 धर्मशाला हैं. कुंभ के दौरान सभी में ठहरने की व्यवस्था होगी. संगम के आसपास के इलाकों में घरों को पीजी हाउस में बदला गया है. पर्यटन विभाग ने उन्हें लाइसेंस और ट्रेनिंग दी है. यहां भी आप ठहर सकते हैं.