Mouni Amavasya on 11 February, possible relief from sufferings
आगरालीक्स… मौनी अमावस्या यानी माघी अमावस्या 11 फरवरी को मनाई जाएगी। इसी दिन कुंभ का दूसरा शाही स्नान भी होगा। इस दिन गंगा स्नान का काफी महत्व है।
11 फरवरी को है मौनी अमावस्या
श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान अलीगढ़ के ज्योतिषाचार्य पं. हृदय रंजन शर्मा ने आगरालीक्स को बताया कि भगवान नारायण को पाने का सुगम मार्ग माघ मास के पुण्य स्नान को बताया गया है विशेषकर मौनी अमावस्या को किया गया गंगा स्नान का खास महत्व है। इस दिन मौन व्रत भी रखा जाता है। मौनी अमावस्या पर किए गए उपायों से संकटों से छुटकारा मिलता है।
मौनी अमावस्या का महत्व
माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या कहा जाता है। वृषभ राशि में राहू, मंगला अंगारक योग का होना, मकर राशि में गुरु, बुद्ध शनि और सूर्य, शुक्र का कुंभ राशि में होना इस दिन रहते हुए मौनी अमावस्या का पड़ना अपने आप में एक महायोग है। इस दिन के पवित्र स्नान को कार्तिक पूर्णिमा के स्नान के समान माना जाता है। इसी दिन ब्रह्माजी ने मनु महाराज और महारानी शतरुपा को प्रकट कर सृष्टि की शुरुआत की थी।
मौन व्रत का महत्व
चंद्रमा को मन का स्वामी माना गया है और अमावस्या को चंद्रदर्शन नहीं होते हैं, जिससे मन की स्थिति कमजोर होती है। इसलिए इस दिन मौन व्रत रखकर मन को संयम रखने का विधान बनाया गया है। प्रवचन सुनकर मन को शांत रखना चाहिए। एक प्रकार से यह मन को साधने की यौगिक क्रिया भी है। इस दिन दान-पुण्य का भी महत्व है। स्नान के बाद दान किया जाना चाहिए।
व्रत का नियम
प्रातः पवित्र तीर्थस्थलों पर स्नान के बाद तिल से बनी वस्तुओँ का दान करना चाहिए। इस दिन पितरों का तर्पण करने से उन्हें भी शांति मिलती है।
पूजा पाठ के समय मौन व्रत का पालन करना चाहिए। इस दिन झूठ, छल-कपट से दूर रहे। दान पुण्य करने से पापों का नाश होता है।
मौनी अमावस्या के उपाय
-शास्त्रों के अनुसार पीपल की परिक्रमा करने , पीपल की छाया से स्पर्श करने से पापों का नाश होता है। अक्षय लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। दीर्घायु होती है।
-विवाहित महिलाओँ के द्वारा पीपल की विधि-विधान से पूजा करने और पीपल के चारों ओर 108 धागा बांधने का विधान होता है।
-इस दिन जो महिला तुलसी मां पार्वती पर सिंदूर चढ़ाकर अपनी मांग में लगाती हैं वह अखंड सौभाग्यवती बनी रहती हैं।
-चांदी के नाग-नागिन पूजा कर नदी में प्रवाहित करने से कालसर्प दोष दूर होता है। पीपल के नीचे तिल के तेल का दीपक जलाने और ऊं नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करने से व्यवसाय में आ रही दिक्कतें दूर होती हैं।
-सूर्योदय के समय सूर्य को जल में लाल फूल, चंदन डालक गायत्री मंत्र का जाफ करते हुए अर्घ्य देने से दरिद्रता दूर होती है।
मौनी अमावस्या तिथि और शुभ मुहूर्त
अमावस्या तिथि- गुरुवार 11 फरवरी 2021
अमावस्या तिथि आरंभ रात्रि 01.08 बजे से (10 फरवरी)
अमावस्या तिथि समाप्त गुरुवार- 12.35 बजे तक (11फरवरी)