2014 से चल रहा है ‘शिरोज हैंगआउट’
अक्टूबर-2014 में आगरा में ये कैफे शुरू किया गया था। सामाजिक संस्था ‘छांव’ चलाने वाले आशीष की मदद से इस कैफे का संचालन पांच एसिड विक्टिम कर रही हैं। रिसेप्शन से लेकर, किचन और ऑर्डर लेने से लेकर डिलिवरी देने तक का सारा काम यही करती हैं। इसके साथ ही वहां बनी लाइब्रेरी को भी वे खुद ही संभालती हैं। उनका मानना है कि कैफे से उन्हें नई जिंदगी मिल गई है।
कानपुर में भी खुल रहा है शिरोज हैंगआउट
आगरा में इस कैफे का रेस्पॉन्स शानदार है। इसे देखते हुए कानपुर के संक्रामक रोग अस्पताल में यूपी का दूसरा कैफे बनाने की तैयारियां शुरू हो चुकी है। फंड से लेकर जगह मुहैया कराने का जिम्मा सरकार ने उठाया है।
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