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Mulayam walks out of Anti-Modi Grand Alliance ahead of Bihar polls
आगरालीक्स ……..समोसे में आलू, बिहार में लालू, यह बीते दिनों की बात थी, बिहार चुनाव से पहले लालू यादव ने नीतेश से हाथ मिलाया तो मुलायम सिंह को समधी बना लिया और चुनाव के लिए बन गया ‘महागठबंधन’, लेकिन यह गठबंधन राजनैतिक महत्वाकाक्षाओं के शीर्षस्थ् नेताओं को रास नहीं आया और सीट बंटवारे को लेकर सपा ने महागठबंधन से खुद को अलग करते हुए अपने बूते वहां विधानसभा चुनाव लडऩे का फैसला गुरुवार को मुलायम सिंह यादव की अध्यक्षता में हुई समाजवादी पार्टी संसदीय बोर्ड की बैठक में लिया गया।
अपमानित महसूस कर रही बिहार की सपा ईकाई
सपा के महासचिव प्रो.रामगोपाल यादव ने बताया कि टिकट बंटवारे पर समाजवादी पार्टी से कोई बात नहीं की गई और इससे बिहार इकाई अपमानित महसूस कर रही थी। उसने अपने बूते चुनाव लडऩे का सुझाव दिया जिस पर मुहर लगाते हुए संसदीय बोर्ड ने खुद को महागठबंधन से अलग कर लिया। कुछ अन्य पार्टियों से बात शुरू हुई है, उनसे गठबंधन पर जल्द निर्णय होगा।
जनता परिवार का क्या होगा
मुलायम क्या अब जनता परिवार के मुखिया पद से भी इस्तीफा देंगे, इस सवाल पर प्रो.राम गोपाल ने कहा कि जनता परिवार अस्तित्व में ही कहां था। ‘उन्हें पहले ही इन दलों की एकता में बाधाएं दिख रही थीं, इसलिए उसी समय कह दिया था कि वे पार्टी के डेथ वारंट पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे।’
यादव सिंह कहां से आ गए
महागठबंधन से अलग होने के पीछे इंजीनियर यादव सिंह प्रकरण में भाजपा के साथ डील तो वजह नहीं है? इस पर प्रो.रामगोपाल ने कहा कि यादव सिंह प्रकरण का बिहार के राजनीतिक निर्णय से कोई लेना-देना नहीं। यादव सिंह किसके आदमी है, सभी जानते हैं। उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की बात को भी खारिज कर दिया। कहा, कि वह प्रधानमंत्री से मिले और यह गुनाह नहीं है।