मुड़िया पूर्णिमा की प्रशासनिक व्यवस्था इस बार 232 मजिस्ट्रेट संभालेंगे। प्रत्येक सेक्टर, जोन और सुपरजोन के हिसाब से एसडीएम, एडीएम और अन्य जिला स्तरीय अधिकारियों को जिम्मेदारी दी जा रही है। जिला प्रशासन ने व्यवस्था के लिए 10 पीसीएस अफसरों की अतिरिक्त मांग मंडलायुक्त से की है।
15 जुलाई से शुरू होने वाले मुड़िया पूर्णिमा मेला के लिए प्रशासनिक स्तर पर इंतजाम कर लिए गए हैं। पूरे मेला की व्यवस्थाओं को प्रशासनिक स्तर पर छह सुपर जोन, 21 जोन और 62 सेक्टर में बांटा है। इनके मजिस्ट्रेट के रूप में अफसरों की तैनाती दी गई है।
जोनल और सेक्टर मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात अधिकारी प्रत्येक दिन 12-12 घंटे की शिफ्ट में ड्यूटी करेंगे। एक शिफ्ट सुबह आठ से शाम आठ बजे और दूसरी शाम आठ बजे से सुबह आठ बजे तक रहेगी। इस प्रकार कुल 62 सेक्टर के हिसाब से 124 मजिस्ट्रेट तैनात रहेंगे। 60 को रिजर्व में रखा गया है।
जोनल मजिस्ट्रेट की जिम्मेदारी एसडीएम, तहसीलदार और जिला स्तरीय अधिकारियों के कंधों पर रहेगी। 21 जोन में 42 अफसर तैनात होंगे। इसके लिए एसडीएम स्तर के सात अधिकारियों की मांग की गई है। सुपर जोन की जिम्मेदारी एडीएम स्तर के अधिकारियों की होगी। जिले में फिलहाल इस स्तर के चार अधिकारी हैं। तीन अन्य के लिए कमिश्नर को लिखा गया है।
क्षेत्र मजिस्ट्रेट
सुपर जोन- 06 06
जोन – 21 42
सेक्टर – 62 184
द्वारिकाधीश मंदिर में विशेष आयोजन
सावन के महीने में द्वारिकाधीश मंदिर में विशेष आयोजन श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र होंगे। इस दौरान भक्तों के लाड़ले द्वारिकानाथ सोने और चांदी के हिंडोलों में झूलेंगे। ठाकुरजी महीने भर मौसम के अनुरूप अलग-अलग घटाओं में दर्शन देंगे।
सावन के महीने में 20 जुलाई को हिंडोला दर्शन से शुरू होगा। इसके बाद 30 जुलाई को फूलों का हिंडोला, 31 को केसरी घटा, दो अगस्त को हरी घटा, चार अगस्त को सोसनी, पांच अगस्त को फल और फूलों का हिंडोला सजाया जाएगा।
छह को आसमानी, नौ को गुलाबी, 11 को लाल घटा, 13 को काली, 15 को लहरिया, 17 को सफेद, 20 को हिंडोला विजय, 25 को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी और 26 को मंदिर में नंदोत्सव की धूम मचेगी। श्रद्धालु मंदिर दर्शन के समय सोने और चांदी के हिंडोलों के दर्शन कर सकेंगे। द्वारिकाधीश संध्या भोग आरती के समय हिंडोलों में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देंगे।
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