आगरालीक्स.. आगरा में नवरात्र के छठवें दिन मां कात्यायनी की आराधना से आज्ञा चक्र जागृत होता है। कंठ रोग आदि विकार दूर होते हैं। आगरालीक्स में आज दुर्गा औषधि कवच, योग दर्शन, मां का भोग और आराधना में फलदायी उपाय।
नवरात्र के छठे दिन आदिशक्ति दुर्गा के छठवें स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा-अर्चना का विधान है। महर्षि कात्यान की तपस्या से प्रसन्न होकर आदिशक्ति ने महर्षि के यहां पुत्री के रूप में जन्म लिया था। इसलिए वह कात्यायनी कहलाती हैं।
योग दर्शन
माता कात्यायनी की आराधना से साधक का आज्ञा चक्र जागृत होता है। माता की अनवरत आराधना से आज्ञा चक्र की सिद्धियां प्राप्त होने से वह इस लोग में रहकर अलौकिक तेज और प्रभाव से युक्त हो जाता है, उसके रोग, शोक, भय आदि विकार नष्ट हो जाते हैं।
औषधि कवच
माता का छठा रूप मां कात्यायनी की आराधना यानि मोइया का है। इसे आयुर्वेद में अम्बा, अम्बिलका, अम्बिका और माचिका भी कहा जाता है। य़ह कफ, पित्त, अधिक विकार और कंठ रोग का नाश करती है। इससे पीड़ित लोगों को कात्यानी की आराधना करनी चाहिए।
माता का भोग- माता को शहद का भोग लगाएं। इसका दान भी करें। इस उपाय से धन आगमन के भी योग बनते हैं।
आराधना के फलदायी उपाय
-नवरात्र में प्रतिदिन माता को शहद और इत्र चढ़ाएं। नवरात्र के बाद बचे इत्र और शहद का मां का स्मरण कर सेवन करने से मां की कृपा सदैव बनी रहेगी।
-माता दुर्गा को शहद का भोग लगाने से भक्तों को सुंदर रूप प्राप्त होता है। व्यक्तित्व में तेज प्रकट होता है।
-नवरात्र में मां दुर्गा की आराधना लालरंग के कंबल के आसन पर बैठकर पूजा करना अति उत्तम माना गया है
-मां लक्ष्मी की स्थाई प्राप्त के लिए नवरात्र में प्रतिदिन पान में सात गुलाब की पंखुड़ियां मां दुर्गा को अर्पित करनी चाहिए।