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नईदिल्लीलीक्स… गाजियाबाद में श्मशानघाट का लेंटर गिरने से हुई 25 लोगों की मौत के बाद गुस्साए परिजनों ने शवों को गाजियाबाद-मेरठ राजमार्ग जाम कर दिया है। साथ में देश-दुनिया की अब तक की खबरें।
राजमार्ग पर शव रखकर जाम लगाया
गाजियाबाद के मुरादनगर में कल एक श्मशानघाट पर हुए हादसे में अब तक 25 लोगों की जान चली गई। हादसे में मरने वालों के के परिजनों ने गाजियाबाद-मेरठ राष्ट्रीय राजमार्ग पर शवों को रखकर रास्ता जाम कर दिया। जाम लगाने के कारण करीब 15 किलोमीटर तक वाहन ही वाहन नजर आ रहे हैं। जाम की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों को समझा-बुझाकर जाम खुलवाया लेकिन कुछ देर बाद पुनः राजमार्ग को जाम कर दिया गया।
चीनी कंपनी को मिला रेल टनल निर्माण का ठेका
वास्तविक नियंत्रण रेखा पर विवाद के चलते भारत और चीन के बीच तनाव बना हुआ है। चीनी कंपनियों के तमाम ठेके इस तनाव के कारण रद्द कर दिए गए थे लेकिन दिल्ली-मेरठ के बीच रैपिड रेल के टनल का निर्माण का ठेका एक चीनी कंपनी को दे दिया गया है। बता दें एनसीआरटीसी ने दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस परियोजना के न्यू अशोक नगर से साहिबाद तक के 5.6 किलोमीटर के भूमिगत निर्माण के लिए एक चीनी कंपनी शंघाई टनल इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड को ठेका दे दिया है।
संक्रमितों की संख्या और घटी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा आज सुबह जारी आंकड़ों के मुताबिक बीते 24 घंटों में 16,504 नये कोरोना संक्रमित केस प्रकाश में आये हैं। इसी दौरान 214 मरीजों की मौत हो गई। देश में अब तक 1,03,40,469 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, जबकि मृतक संख्या 1,49,649 हो गई है। अब तक 99,46,867 लोग कोरोना को मात देकर अपने घरों को लौट चुके हैं।
किसान नेता वार्ता को रवाना
तीन कृषि कानूनों तथा एसएसपी को लेकर किसानों नेताओं और सरकार के बीच आठवें दौर की बातचीत अब से एक घंटे बाद (दोपहर दो बजे) दिल्ली के विज्ञान भवन में शुरू होगी। सरकार से बातचीत के लिए किसान नेताओँ का जत्था विज्ञान भवन की ओर रवाना हो गया है। आज की वार्ता बेहद महत्वपूर्ण है। बता दें कि किसानों की दो मांगें सरकार मान चुकी है लेकिन उनकी मुख्य मांगें सरकार मान चुकी है। लेकिन उनकी मुख्य मांगों पर आज वार्ता होनी है, उसके बाद ही किसान आंदोलन का भविष्य तय होगा।
संसद भंग करना राजनीतिक फैसलाः ओली नेपाल के कार्यकारी प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने संसद भंग करने के अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा कि यह एक राजनीतिक कदम था और इसमें न्यायिक समीक्षा की आधिकारिक अनुमति नहीं। बता दें कि नेपाल सुप्रीम कोर्ट ने बीती 25 दिसंब को ओली को कारण बताओ नोटिस दिया था, जिसकी प्रतिक्रिया में कोली ने अटॉर्नी जनरल के मार्फत अपना जवाब दिया है। 11 पन्नों के जवाब में ओली ने कहा कि संसद भंग करने की सिफारिश करना और संसद भंग करना पूरी तरह राजनीतिक फैसले हैं। पार्टी के बीच बढ़ते टकराव के बीच मुझे नहीं लगा कि सरकार चुनावी घोषणा पत्र में किए वादों को पूरा करने में सक्षम है।