NISA sent a defamation notice of Rs 5 crore to the Education Minister regarding school fees
आगरालीक्स…(20 July 2021 Agra News) बच्चों की एनुअल और डेवलपमेंट फीस पर दिल्ली के शिक्षामंत्री के बयान से नाराज हुई प्राइवेट स्कूलों की संस्था. भेजा 5 करोड़ का नोटिस. पढ़ें क्या दिया था बयान
ये दिया था दिल्ली के मुख्यमंत्री ने बयान
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया की प्राइवेट स्कूलों को लेकर परेशानियां बढ़ गई हैं. दरअसल, एनुअल फीस और डेवलपमेंट फीस जमा करने को लेकर शिक्षामंत्री ने बयान दिया था कि जो पेरेंट्स फीस जमा नहीं कर सकें वे प्राइवेट स्कूल्स से बिना ट्रांसफर सर्टिफिकेट लिए अपने बच्चों का दाखिला सरकारी स्कूल्स में करा लें. इस पर निजी स्कूलों के संगठन नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल्स अलायंस ने शिक्षामंत्री को 5 करोड़ रुपए के मानहानि का लीगल नोटिस भेज दिया है. निसा अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने शिक्षामंत्री के इस बयान को हाइकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अपनी हार का बदला करार दिया है. उनका कहना है कि बजट स्कूल्स आम लोगों के हैं और आम लोगों के लिए हैं. इसलिए आम आदमी पार्टी से ये उम्मीद बिल्कुल नहीं थी.
निसा अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कहा कि पिछले दिनों हाइकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के तमाम प्राइवेट स्कूलों को स्टूडेंट्स के पेरेंट्स से कोविड और लॉकडाउन के दौरान स्कूल्स की एनुअल फीस और डेवलपमेंट चार्ज लेने की मंजूरी दी थी. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया कोर्ट में मिली इस हार को पचा नहीं पा रहे हैं और इसके चलते वे बदले की भावना से उलटे-सीधे बयान दे रहे हैं. उनके बयानों के चलते प्राइवेट स्कूलों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए निसा ने उन्हें 5 करोड़ रुपए के मानहानि का लीगल नोटिस भेजा है. अगर शिक्षामंत्री ने अपना बयान वापस नहीं लिया तो उन पर जल्द ही इस नोटिस के तहत मानहानि का दावा भी किया जाएगा.
बिना टीसी के नहीं हो सकता दाखिला
डॉ. गुप्ता ने कहा कि दिल्ली स्कूल शिक्षा कानून व अधिनियम 1973 के नियम 139 के तहत किसी भी बच्चे का दाखिला बिना टीसी के नहीं हो सकता. फिर शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया कानून और नियमों को ताक पर रखकर बच्चों के जीवन से खिलवाड़ कैसे कर सकते हैं. पहले तो सरकारी स्कूलों में बच्चों के बैठने के लिए जगह ही नहीं है. उस पर शिक्षामंत्री बजट स्कूलों के बच्चों को बिना टीसी सरकारी स्कूलों में दाखिला देने की बात कहकर उनका अपमान कर रहे हैं. क्या वे बड़े प्राइवेट स्कूलों के बच्चों को सरकारी स्कूल में ला सकते हैं. बड़े स्कूलों पर उनका जोर नहीं चलता, इसलिए अब वे छोटे बजट स्कूलों को निशाना बनाकर उन्हें बंद करने की साजिश कर रहे हैं. निसा ऐसा बिल्कुल नहीं होने देगा.