Devendra Fadnavis new CM of Maharastra, Eknath Shinde & Ajit
Prevent neonates from Hypothermia #healthnews
आगरालीक्स …..इस मौसम में छोटे बच्चों को ठंड लगने का खतरा, जानें कैसे बच्चों को हाइपोथर्मिया से कैसे बचाएं।
बदलते मौसम में नवजात शिशुओं को हाइपोथर्मिया (सामान्य ठंडा) से बचाने के लिए नवजात शिशु को गर्म रखना बहुत जरूरी है। सीएमआ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि जन्म के बाद नवजात शिशु को गर्म रखना बहुत जरूरी है । जन्म के समय और अपने जीवन के पहले दिन शिशु के शरीर के लिए अपने शरीर का तापमान बनाए रखना कठिन होता है l जन्म के समय वह गीले होते हैं और उनके शरीर का तापमान तेजी से घटता है । यदि उन्हें ठंड लग जाए, तो वह अपनी ऊर्जा का प्रयोग गर्म रखने के लिए करते हैं और बीमार हो जाते हैं ऐसे शिशु जिनका वजन जन्म के समय कम होता है और 9 महीने के पहले जन्मे शिशुओं में ठंड लगने का खतरा अधिक होता है। हमारी सचेता से ही हम बच्चे को हाइपोथर्मिया से बचाने में कामयाब हो सकते हैं ।
एसीएमओ आरसीएच डॉ संजीव वर्मन ने बताया कि बच्चे का तापमान 97 या 98 डिग्री फारेनहाइट है तो बच्चा सामान्य है। अगर बच्चे का तापमान 97 डिग्री फारेनहाइट से कम होता है तो बच्चा हाइपोथर्मिया की चपेट में आना शुरू हो जाता है l जब बच्चे का तापमान 95 डिग्री फारेनहाइट से कम होता है तो बच्चे को स्वास्थ्य इकाई पर रेफर किया जाता है। अभिभावकों को हाइपोथर्मिया की सही जानकारी से हम सभी बच्चों को हाइपोथर्मिया होने से बचा सकते हैं। आशा कार्यकर्ता गृह भ्रमण के दौरान अभिभावकों को बच्चे को ठंड से बचाव के तरीके के बारे में जानकारी देती हैं l हाइपोथर्मिया (सामान्य ठंडा) की चपेट से बचाने के लिए यूनिसेफ संस्था के द्वारा आशा कार्यकर्ताओं और आशा संगिनी को समय-समय पर टेक्निकल सहयोग के माध्यम से क्षमता वर्धन किया जाता है l
उस शिशु को दोबारा कैसे गर्माहट दें जिसे ठंड लग गई हो:
- कमरे का तापमान बढ़ाएँ।
- गीले या ठंडे कम्बल और कपड़े हटा दें।
- शिशु को मां के शरीर से सटाकर लिटाएँ, शिशु में गर्माहट न आ जाए तब तक ऐसा करते रहे, जब तक कि शिशु का तापमान सामान्य न हो जाए।
- उसे कपड़े और टोपी पहनाएँ, गर्म थैली में रखें और उसे माता के निकट लिटाएँ।
- शिशु के शरीर में कैलोरी और तरलों का स्तर बनाए रखने के लिए उसे स्तनपान कराना जारी रखें ताकि उसका रक्त शर्करा स्तर कम न हो।