कार्यक्रम का प्रारम्भ रंगली ला के निर्देशक और वरिष्ठ रंगकर्मी अनिल शुक्ल के वक्तव्य से हुआ | उनका कहना था कि रोहित के भीतर असीम संभावनाए मौजूद थी, वह रंगकर्मी, रचनाकार आदि हो सकता था | इसके पश्चात जन संस्कृति मंच से डॉ प्रेमशंकर सिं ह ने रोहित वेमुला द्वारा लिखित पत्र को पढ़कर सुनाया | कार्येक्रम का सञ्चालन करते हुए दलित साहित्य मंच के सचिव डॉ सूरज बडतिया के कहा कि रोहित की हत्या फासीवादी साजिश का परिणाम है और इन साजिशो के खिलाफ मुहिम चलाई जानी चाहिए | इप्टा की तरफ से बोलते हुए रंगकर्मी विजय शर्मा ने रोहित की आत्महत्या पर गहरा दुःख व्यक्त किया | रिसर्च इंस्टिट्यूट फॉर दलित,आदिवासी एंड माइनॉरिटी के सचिव अर्जुन सवेदिया ने रोहित की आत्महत्या के लिए सीधे तौर पर ब्राह्मणवादी मानसिकता को दोषी ठहराया |
अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की जिला सचिव किरण सिंह ने कहा कि रोहित समेत अम्बेडकर स्टूडेंट्स एसोसिएशन के पांच छात्रों का निष्कासन और इस प्रताड़ना से क्षुब्ध होकर रोहित की आत्महत्या यह बताती है कि देश के उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रतिक्रियावादी ताकतों की घुसपैठ बढ़ी है और इसका विरोध किया जाना चाहिए| इसके अतिरिक्त उपेन्द्र सिंह, डॉ अरशद खान , योगेंदर दुबे ,डॉ एच के सिंह, डॉ ए के सिंह, डॉ कमलेश कुमारी रवि ,ब्रिजराज सिंह, डॉ. आर. के. भारती इत्यादि ने भी अपनी बात रखी | कार्यक्रम में विश्वविधालयो के बहुत से शोधार्थी, कालेज की छात्र –छात्राएं , और आगरा के गणमान्य लोगों ने हिस्सेदारी की | कार्येक्रम के अंत में 2 मिनट का मौन रखा गया और अंत में केंडिल जलाकर रोहित वेमुले की शाहदत को नमन और उनके सामाजिक परिवर्तन के कार्यक्रम को आगे बढ़ाने की शपथ ली |
Leave a comment