आगरालीक्स.. आगरा में निसंतान दंपती परेशान ना हों, उनके लिए अच्छी खबर है, जाने क्यों नहीं हो रही प्रेग्नेंसी और क्या है आईवीएफ
आगरा के रेनबो आईवीएफ सेंटर के एम्ब्रॉयोलॉजिस्ट भ्रूण एक्सपर्ट डॉ केशव मल्होत्रा से पूछे गए सवालों का जवाब
सवाल प्रेग्नेंसी कैसे होती है, कब पति पत्नी को साथ रहना चाहिए

रेनबो आईवीएफ सेंटर, सिकंदरा, आगरा अप्वाइनमेंट और जानकारी के लिए कॉल करें 7060840999, 8755170066
महिलाओं में एग अंडे हर महीने मैच्योर होते हैं, ये पुरुषों के शुक्राणु स्पर्म के संपर्क में आते हैं और फर्टिलाइजेशन निषेचन होता है, इससे भ्रूण एम्ब्रो बनता है। यही प्रिग्नेंसी है। इसके लिए महिलाओं में पीरियड के सात से 12 वें दिन तक अंडे मैच्योर होते हैं, ये अंडे फैलोपियन ट्यूब से गर्भाशय की ओर टहलते रहते हैं, मैच्योर अंडा 12 से 24 घंटों तक धीरे-धीरे फैलोपियन ट्यूब से टहलते हुए आसपास स्पर्म की तलाश करता है। इस दौरान पति पत्नी के बीच शारीरिक संबंध होने पर मैच्योर अंडे से स्पर्म मिल जाता है तो फर्टिलाइजेशन हो सकता है। इसलिए प्रिग्नेंसी प्लान करते समय पीरियडस के सात से 12 वें दिन तक पति पत्नी को साथ रहना चाहिए।
सवाल प्रेग्नेंसी नहीं हो रही है, इसके क्या कारण हो सकते हैं ?
प्रेग्नेंसी के लिए महिलाओं का मैच्योर अंडा और पुरुषों का स्पर्म चाहिए, इन दोनों में गडबडी, सही समय पर पति पत्नी के बीच संबंध ना होना, सहित कई बीमारियों के कारण प्रिग्नेंसी में समस्या हो सकती है। मगर, प्रिग्नेंसी नहीं हो रही है तो इसके लिए महिला और पुरुषों में कमी होने की आशंका बराबर होती है।
सवाल शादी के कितने समय बाद प्रेग्नेंसी न होने पर डॉक्टर को दिखाएं और महिलाओं की ही जांच करानी चाहिए या पुरुष की जांच भी ?
वैसे तो प्रेग्नेंसी प्लान करने से पहले डॉक्टर से परामर्श ले लेना चाहिए, तीन महीने पहले फोलिक एसिड की टेबलेट दी जाती हैं, इससे गर्भधारण में मदद मिलती है और गर्भवती महिला के साथ गर्भस्थ शिशु के लिए भी अच्छा रहता है। वहीं, एक साल तक प्रिग्नेंसी नहीं हो रही है तो डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। इस तरह के केस में पति और पत्नी दोनों की जांच कराई जाती है, पत्नी में अंडे और पति में स्पर्म की क्वालिटी मोटेलिटी सहित अन्य जांच होती हैं। इसमें कोई कमी होने पर इलाज किया जाता है।
सवाल ये टेस्ट टयूब बेबी क्या टेस्ट टयूब में होता है और कमजोर होता है
आगरा के रेनबो आईवीएफ सेंटर के डायरेक्टर व एम्ब्रॉयोलॉजिस्ट डॉ केशव मल्होत्रा से क्या कहते हैं
प्रेग्नेंसी के लिए पति पत्नी संबंध बनाते हैं, फर्टिलाइजेशन होता है और भ्रूण बनता है पहले महीने पर हार्ट बीट आने लगती है और नौ महीने पर प्रसव कराया जाता है। जिन कपल में फर्टिलाइजेशन की प्रक्रिया किसी कारण से प्राक्रतिक तरीके से नहीं होती है, इसे शरीर से बाहर कराया जाता है और इन विट्रो फर्टिलाइजेशन आईवीएपफ या टेस्ट टयूब बेबी कहते हैं। इस प्रक्रिया में मेल के स्पर्म और पफीमेल पार्टनर के अंडे को शरीर के अंदर का क्रत्रिम वातावरण तैयार कर फर्टिलाइजेशन कराया जाता है, इससे भ्रूण बन जाता है, इस भ्रूण को एक से दो दिन बाद महिला के गर्भ में प्रत्यारोपित किया जाता है। इसके बाद नौ महीने तक शिशु गर्भ में रहता है, इसलिए यह कमजोर होगा और टेस्ट टयूब में बडा होगा, यह भ्रम है।

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