आगरालीक्स… रक्षाबंधन का पर्व 11 और 12 अगस्त को मनाया जा रहा है। अलग अलग मत हैं, इसलिए परेशान न हों, बांकेबिहारी मंदिर में 12 अगस्त को रक्षाबंधन मनाया जाएगा। शुभ मुहूर्त जान लें।
ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर, वृन्दावन में रक्षाबंधन का पर्व 12 अगस्त को मनाया जाएगा, ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के सेवायत आचार्य प्रहलाद वल्लभ गोस्वामी का कहना है कि बिहारीजी के मंदिर में सभी त्योहार उदयतिथि में मनाए जाते हैं। यानी जिस तिथि में सूर्योदय होता है, पूर्णिमा को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है। इस बार 11 अगस्त को सुबह 10 बजकर 39 मिनट और 33 सेकेंड से पूर्णिमा तिथि लग रही है, यह तिथि 12 अगस्त शुक्रवार को सुबह सात बजकर छह मिनट और नौ सेकेंड तक रहेगी। क्योंकि 11 अगस्त को उदयतिथि में पूर्णिमा नहीं है, 12 अगस्त को उदयतिथि में पूर्णिमा है इसलिए रक्षाबंधन का पर्व 12 अगस्त को मनाया जा रहा है।
11 अगस्त को पूर्णिमा तिथि सुबह 10:38 पर शुरू हो रही है। जो अगले दिन सुबह 7:05 बजे तक रहेगी। 11 अगस्त को रक्षाबंधन करना उचित रहेगा। अगले दिन पूर्णिमा तिथि त्रि-मुहूर्त व्यापिनी ना होने से 12 अगस्त को रक्षाबंधन मनाना शास्त्र सम्मत नहीं होगा।
11 अगस्त को बनने वाले विशेष शुभ मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त
दोपहर लगभग 12:05 बजे से 12:55 बजे तक ।
भद्रा पुच्छ काल
शाम 5:15 से 6:15 बजे तक ।
अमृत चौघड़िया
शाम 6:00 से 7:30 बजे तक ।
इस दौरान रक्षा सूत्र बांधने अत्यंत शुभ माना गया है।
11 अगस्त को क्यों है संशय की स्थिति
ग्यारह अगस्त को कुछ लोग रक्षा बंधन मनाने में संशय कर रहे हैं उसका कारण यह है कि ग्यारह अगस्त को सुबह 10 बजकर 38 मिनट से शाम 08 बजकर 50 मिनट तक भद्रा है।
इसका निवारण यह है कि भद्रा काल के दौरान रक्षाबंधन विशेष रूप से निषेध माना गया है। लेकिन ग्यारह अगस्त को मकर राशि की पाताल लोक में भद्रा होने से उसका परिहार होगा। पाताल लोक और स्वर्ग लोक की भद्रा शुभ फलदाई होती है। इसके अलावा भद्रा मुख का परित्याग करके भी रक्षाबंधन किया जा सकता है।
शास्त्रों के अनुसार भद्रा का रक्षाबंधन पर विशेष निषेध माना गया है। परंतु भद्रा किस स्थिति में है इसका भी सूक्ष्मता से अवलोकन किया जाना चाहिए।
11 अगस्त को रक्षाबंधन पर तीन शुभ योगों का निर्माण भी हो रहा है। जिसमें आयुष्मान, रवि और शोभन योग है। पाताल लोक में भद्रा होने से पूरे दिन राखी बांधी जा सकती है।