आगरालीक्स ….देश में लगभग पांच लाख हर्नियां के मरीज हैं। हर्नियां की समस्या को दूर करने के लिए मात्र 5 फीसदी ऑपरेशन ही लैप्रोस्कोपिक विधि से ही किए जा रहे हैं। जबकि इसमें 99 फीसदी ऑपरेशन लैप्रोस्कोपिक विधि से सम्भव हैं। यानि 95 फीसदी हर्नियां के ऑपरेशन भारत में आज भी ओपन सर्जरी से हो रहे हैं और लैप्रोस्कोपिक विधि का लाभ मरीजों को नहीं मिल पा रहा है। वजह ट्रेंड डॉक्टरों की कमी के साथ, डॉक्टरों में नई तकनीकों को सीखने के प्रति जागरूकता का अभाव भी है। यह कहना था एम्स (ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइसेंस) के निदेशक प्रो. एमसी मिश्रा का।
वह शुक्रवार को तीन दिवसीय कम्बाइंड नेशनल लेप्रोस्कोपिक सर्जरी कांफ्रेंस (9th SELSICON 2016 & 9th IHSCON 2016) में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए और हर्नियां के ऑपरेशन भी किए। उन्होंने बताया कि भारत में अनुमानित तौर पर हर्नियां के 5 लाख मरीज हैं। इस समस्या से बचने के लिए लोगों को व्यायाम के साथ आन-पान ठीक रखना चाहिए।
यह आंकडा यूपी में और कम है, इसके लिए मेडिकल कॉलेजों में दूरबीन विधि से ऑपरेशन के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जाना चाहिए। जिससे ओपन सर्जरी के बजाय दूरबीन विधि से ऑपरेशन का लाभ अधिक मरीजों को मिल सके। जहां ओपन सर्जरी के बाद मरीज को ज्यादा दिन हॉस्पिटल में रुकना होता है। वहीं, दूरबीन विधि से हॉस्पिटल से जल्द छुट्टी के बाद काम भी कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि हर्निया के ऑपरेशन में मेस के इस्तेमाल को लेकर भी तमाम बदलाव हो रहे हैं। ये मेस पॉपी प्रोपलीन के बने होते हैं। अब इनका वजन कम करने के साथ (वेट लेस) ही डबल लेयर के मेस भी आ गए हैं। मगर, अनकवर्ड मेस कारगर हैं और सस्ते भी हैं। आर्गनाइजिंग कमेटी के पैर्टन प्रो. एसडी मोर्या ने बताया कि ओपन विधि से हर्निया के ऑपरेशन करने पर 18 फीसद केस में दोबारा ऑपरेशन करने की जरूरत होती है। जबकि दूरबीन विधि से ऑपरेशन करने पर महज 3 फीसद केस में ही दोबार ऑपरेशन करने पड़ रहे हैं। वहीं दूरबीन विधि से गॉल ब्लैडर से लेकर बांझपन के ऑपरेशन किए जा रहे हैं।
पहले दिन वर्कशॉप में मना हर्निया डे
पहले दिन वर्कशॉप में हर्निया डे मनाया गया। सुबह सचखंड हॉस्पिटल, सिकंदरा में दूरबीन विधि (लेप्रोस्कोपिक सर्जरी) से हर्निया के ऑपरेशन हुए, इनका लाइव टेलीकास्ट कांप्रेंस स्थल होटल क्लार्क शिराज में किया गया। विशेषज्ञों ने चिकित्सकों के सवालों के जवाब दिए। साथ ही हाउ टू मेक सर्जरी सेफ पर चर्चा की गई।
ये रहे मौजूद
डॉ. संदीप कुमार (पूर्व निदेशक एम्स भोपाल), डॉ. रिचा सिंह, डॉ. ज्ञान प्रकाश, डॉ. एचएल राजपूत, डॉ. सुनील शर्मा, डॉ. सिद्धार्थ धर, डॉ. भूपेन्द्र प्रसाद, डॉ. भुपेन्द्र सिंघानियां, डॉ. पुनयोदय मिश्रा, डॉ. रवि पचौरी, डॉ. शरद गुप्ता, आदि उपस्थित थे।

आर्गनाइजिंग चेयरमैन डॉ. अपूर्व चतुर्वेदी, आयोजन सचिव अमित श्रीवास्तल व समीर कुमार ने बताया कि वर्कशॉप में पहले दिन कुल 22 ऑपरेशन हुए। प्रो. एमसी मिश्रा, डॉ. एसडी मौर्या, डॉ. विनोद बंसल ने विभिन्न प्रकार के ऑपरेशन किए। डॉ. मुनीर खान ने गुर्दे की पथरी का ऑपरेशन किया। डॉ. आर पद्माकुमार, डॉ. किशोर पंजवानी ने बच्चों के हर्निया ऑपरेशन किए।
एग्जीबिशन का हुआ शुभारंभ
होटल क्लार्क शिराज में सेल्सी के अध्यक्ष डॉ जीएस मोइरंगथम ने साइंटिफिक एग्जीबीशन का शुबारम्भ फीता काटकर किया। वहीं, प्रेसीडेंशियल ऑरेशन इंडियन हर्निया सोसायटी के अध्यक्ष डॉ आर पदमाकुमार ने दिया। गेस्ट ऑरेशन डॉ अनुराग श्रीवास्तव, एचओडी सर्जरी विभाग एम्स दिल्ली ने दिया।
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