आगरालीक्स ..आगरा के रजिस्ट्रार ऑफिस, सदर तहसील में सब रजिस्ट्रार मानवेंद्र शास्त्री का रिश्वत लेते हुए वीडियो वायरल होने पर सस्पेंड कर दिया गया था, जांच में दोषी पाए जाने पर बर्खास्त कर दिया गया है। शासन स्तर से महानिरीक्षक निंबंधन द्वारा कराई गई विभागीय जांच में वे दोषी पाए गए हैं।
17 मई 2016 को सामने आया था रिश्वत का वीडियो
रजिस्टार कार्यालय के दस्तावेज लेखक मोहन तिवारी ने सब रजिस्ट्रार मानवेंद्र शास्त्री पर पावर आॅफ एटॉर्नी के नाम पर 15 हजार रुपये लेने के आरोप लगाए थे। मामला 10 हजार रुपये में सेट हो गया, सब रजिस्ट्रार मानवेंद्र शास्त्री को 10 हजार रुपये रिश्वते देते हुए का वीडियो बना लिया गया, यह वीडियो सोशल मीडिया पर आने के बाद खलबली मच गई। शासन ने मामले की जांच के लिए डीएम पंकज कुमार को आदेश दिए, उन्होंने एडीएम फाइनेंस से पूरे प्रकरण की जांच कराई। एडीएम पफाइनेंस राजकुमार और एआईजी स्टांप विनोद कुमार की जांच रिपोर्ट के आधार पर सब रजिस्ट्रार मानवेंद्र शास्त्री को सस्पेंड कर दिया गया है।
सब रजिस्ट्रार की जिम्मेदारी सौंपी गई
सब रजिस्ट्रार मानवेंद्र शास्त्री को सस्पेंड करने के बाद लिपिक मोहम्मद इजरायल को सब रजिस्ट्रार थर्ड की जिम्मेदारी दी गई है, उन्हें प्रभारी बनाया गया है। जिससे कार्य समय से हो सके।
हर पंजीकरण पर घूस लेने के आरोप
सब रजिस्ट्रार मानवेंद्र शास्त्री पर गंभीर आरोप लग रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दस्तावेज लेखक मोहन तिवारी ने आरोप लगाए हैं कि प्रत्येक दस्तावेज के पंजीकरण के लिए घूस ली जाती थी, रिश्वत न देने पर पंजीकरण नहीं किया जाता था। यही नहीं, कई अन्य जिलों के मुख्तारनामे आगरा में हुए हैं।
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