आगरालीक्स… आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों ने अपने शरीर पर पुलिस के डंडों के निशान दिखाए, कहा कि पुलिस ने जिंदगी भर का जख्म दिया है। 15 में से चार जेल से रिहा हो गए।
शनिवार रात को अशोका होटल एंड बार में तोड़फोड़ के बाद पुलिस ने एसएन इमरजेंसी में जूनियर डॉक्टर और मेडिकल छात्रों पर डंडे बरसाए थे। पुलिस ने इमरजेंसी से मेडिकल छात्रों को हिरासत में लिया था। रविवार को 25 में से 10 मेडिकल छात्रों को शांति भंग में पाबंद करने के बाद मुचलके पर छोड़ दिया। वहीं, 15 को जेल भेज दिया था, जिन मेडिकल छात्रों को थाने से छोड़ा गया, वे दोपहर में आइएमए, अध्यक्ष डॉ. रवि पचौरी से रवि हॉस्पिटल, दिल्ली गेट पर मिले। उनसे कहा कि मेडिकल छात्रों को हिरासत में लेने के बाद पीटा। उनसे अपराधियों की तरह बर्ताव किया, इस मामले की शिकायत पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से की जाएगी।

रात में चार हुए रिहा, 11 मेडिकल छात्र आज हो सकेंगे जेल से रिहा
होटल में तोड़फोड़ और पुलिसकर्मियों से मारपीट के मामले में दो दिन से 15 जूनियर डॉक्टर जेल में थे। पुलिस ने इनके खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। मंगलवार को सुनवाई के बाद अदालत ने सभी की जमानत स्वीकृत कर ली। जिला जेल में मंगलवार शाम तक वरुण, सुनील, कृष्णकांत और आयुष की रिहाई के पेपर पहुंच गए। इसके बाद चारों को जेल से रिहा कर दिया गया। शेष की रिहाई बुधवार को होगी। सोमवार को सभी ने अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से सीजेएम सर्वजीत सिंह की अदालत में जमानत प्रार्थना पत्र दिया था। अदालत ने केस डायरी तलब करते हुए मंगलवार को सुनवाई के आदेश दिए थे। मंगलवार को दीवानी में सभी जूनियर डॉक्टरों के परिजन पहुंच गए। जूनियर डॉक्टरों के अधिवक्ताओं ने उन्हें बेकसूर बताते हुए जमानत देने की प्रार्थना की। सीजेएम ने बीस-बीस हजार की जमानत राशि पर रिहाई के आदेश दे दिए। जमानत होते ही परिजनों के चेहरे खिल गए।

इनकी हुई जमानत पवन कुमार, रीतेश कुमार, अभिजीत, प्रत्यूष मिश्र, श्यामेंद्र पाठक, अमित कुमार गौड़, वरुण गर्ग, जैनूल, सचिन, सदांशु, सुनील, कुलकेश, कृष्णकांत, तुषार और आयुष। जमानती जुटाने में छूटे पसीने
15 जूनियर डॉक्टरों के लिए 30 जमानतियों की आवश्यकता थी। इन्हें जुटाने में जूनियर डॉक्टरों के परिजनों के पसीने छूट गए। जमानत होने के बाद रिहाई के कागजात तैयार नहीं हो सके।