आगरालीक्स…आगरा शहर का प्राचीन हनुमान मंदिर, जहां हनुमान जी मानव स्वरूप में विराजमान हैं।गुफाएं जिसमें साधु-संत करते थे तपस्या, जानें विस्तार से
लंगडे की चौकी हनुमान मंदिर के नाम से विख्यात
आगरा शहर के बीचों-बीच स्थित हनुमान मंदिर लंगड़े की चौकी के नाम से जाना जाता है। संत-महात्मा दर्शन करने के लिए आते रहते हैं।
हनुमान जी का विग्रह सिंहासन पर है विराजमान
लंगड़े की चौकी के हनुमान जी के विग्रह की खासियत यह कि हनुमान जी का यह विग्रह मानव स्वरूप में है। हनुमान जी का दिव्य विग्रह संगमरमर के सिंहासन पर विराजमान हैं। दक्षिणमुखी होने के कारण हनुमान दर्शन का लाभ अवश्य मिलता है। इन हनुमानजी के 8, 16, 21, 40 मंगलवार को लगातार दर्शन करने से मनोकामना अवश्य पूरी होती है।
जय सियाराम, जय श्री राम की गूंज
जय सियाराम, जय श्री राम की गूंज होती रहती है, जिससे भक्तों को शांति और आनन्द की अनुभूति होती।
महंत डोरी दास भी गुफा में कर चुके हैं तपस्या
मंदिर महंत श्री डोरीदास उपाध्याय।
मंदिर परिसर में करीब सात सौ वर्ष पुरानी गुफा भी हैं, जिसमें समय-समय पर संत महात्मा तपस्या करने के साथ पूजा-अर्चना करते हैं। वर्तमान महंत डोरीदास उपाद्याया भी इन गुफा में तपस्या कर चुके हैं।
विग्रह वानर रूप में न होकर मानव रूप में है चमत्कारिक
श्री भरत उपाध्याय
मंदिर के महंत श्री डोरी दास उपाध्याय के नाती एव रामकथा वाचक भरत उपाध्याय आगरालीक्स को बातचीत में बताते हैं कि हनुमान जी का विग्रह वानर रूप में न होकर मानव रूप में है, जो चमत्कारिक है।
मंदिर में सात सौ साल पुराना शिवलिंग भी
उन्होंने बताया कि मंदिर में ही गुफा स्थल पर ही मंदिर के मध्य में करीब सात सौ साल पुराना शिवलिंग है। शिव परिवार की भक्त पूजा-अर्चना करते हैं। इसके अलावा राम दरबार, दुर्गा देवी, गणपति, हनुमान जी के भी मन्दिर है।