आगरालीक्स…दुबई में बने पहले हिन्दू मंदिर की खासियत जानें. यह मंदिर विश्वभर के कई धर्मों–संस्कृति की एकता और सद्भावना का प्रतीक…आगरा के अंकुर गोयल ने परिवार के साथ किए दर्शन…
दुबई में पहला हिन्दू मंदिर बना है. बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी ने इसका उद्घाटन किया है. पहले दिन ही यह मंदिर आकर्षक रोशनी से जगमग रहा. भारत के कई लोगों ने पहले दिन इस मंदिर में दर्शन किए. आगरा में गोयल व्हीकल्स के संचालक अंकुर गोयल ने अपनी पत्नी रिचा गोयल और बच्चों के साथ मंदिर में दर्शन किए.
जानिए खासियत
मंदिर के आंतरिक भाग के निर्माण में 40 हजार घन फुट संगमरमर का उपयोग किया गया है. मंदिर की ऊंचाई 108 फुट, चौड़ाई 180 फुट और लंबाई 262 फुट है. मंदिर को बनाने में उत्तरी राजस्थान से अबु धाबी तक गुलाबी बलुआ पत्थर पहुंचाया गया है. इटली से संगमरमर लाया गया है. कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए मंदिर की नींव में कंक्रीट के मिश्रण के साथ फ्लाई ऐश का इस्तेमाल किया गया है.
अबु धाबी के क्रांउन प्रिंस उप सर्वोच्च कमांडर शेख मोहम्मद बिन जायद उल नाहयान ने मंदिर के निर्माण के लिए 13.5 एकड़ जमीन दान की थी. वहीं यूएई सरकार ने 13.5 एकड़ अतिरिक्त भूमि आवंटित की, जिससे मंदिर के लिए कुल 27 एकड़ भूमि उपहार में दी गई है.
सर्वधर्म का सहयोग
मंदिर की एक और खासियत है और वो है इसमें सर्वधर्म का सहयोग. मंदिर की जमीन मुस्लिमों द्वारा दी गई, वहीं मंदिर के प्रमुख आर्किटेक्ट क्रिश्चियन हैं, प्रोजेक्ट मैनेजर सिख धर्म से हैं तो कंस्ट्रक्शन कांट्रैक्टर पारसी हैं, स्ट्रक्चर इंजीनियर बुद्धिस्ट हैं और निर्माण हिन्दुओं ने कराया है. खास बात ये भी है कि चीफ कंसल्टेंट इथीईस्ट हैं.