Sri Jagannath Rath Yatra tomorrow on the earth’s Vaikuntha, the event will start with Netra Utsav, know the mystery and glory
आगरालीक्स…श्री जगन्नाथ रथयात्रा कल सात जुलाई को निकाली जाएगी। नेत्र उत्सव होगा। जानिये जगन्नाथ धाम की है महिमा और रहस्य।
धरती का बैकुंठ है जगन्नाथ धाम
श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान एवं गुरु रत्न भंडार वाले ज्योतिषाचार्य पंडित हृदय रंजन शर्मा के मुताबिक पुराणों में जगन्नाथ धाम की काफी महिमा है, इसे धरती का बैकुंठ भी कहा गया है।
भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र, बहन सुभद्रा की पूजा
जगन्नाथ मंदिर में भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और उनकी बहन सुभद्रा की पूजा की जाती है। मंदिर में भगवान जगन्नाथ की प्रतिमा सबसे दाई तरफ स्थित है। बीच में उनकी बहन सुभद्रा की प्रतिमा है और बIई तरफ उनके बड़े भाई बलभद्र (बलराम) विराजते हैं।
नेत्र उत्सव के बाद शुरू होगी रथयात्रा
जगन्नाथ जी 15 दिन बीमार रहने के बाद अब स्वस्थ हो गए हैं। कल सात जुलाई को नेत्र उत्सव के बाद रथयात्रा निकाली जाएगी।
जगन्नाथ धाम के से जुड़े हैरान करने वाले रहस्य
पास खड़े होकर भी गुंबर नहीं देख सकते
जगन्नाथ मंदिर 4 लाख वर्गफुट में फैला है और इसकी ऊंचाई लगभग 214 फुट है। मंदिर की इतनी ऊंचाई के कारण ही पास खडे़ होकर भी आप गुंबद नहीं देख सकते।
समुद्र की लहरों की आवाज मंदिर में नहीं आती
-भगवान जगन्नाथ मंदिर के सिंहद्वार से पहला कदम अंदर रखते ही समुद्र की लहरों की आवाज अंदर सुनाई नहीं देती, जबकि आश्चर्य में डाल देने वाली बात यह है कि जैसे ही आप मंदिर से एक कदम बाहर रखेंगे, वैसे ही समुद्र की आवाज सुनाई देंगी l
मंदिर के ऊपर से पक्षी और विमान नहीं उड़ते
आपने ज्यादातर मंदिरों के शिखर पर पक्षी बैठे-उड़ते देखे होंगे, लेकिन इस जगन्नाथ मंदिर के ऊपर से कोई भी पक्षी या विमान नहीं उड़ पाता है।
मंदिर के पास हवा की दिशा भी हैरान करती है।
आम दिनों में हवा समंदर से जमीन की तरफ चलती है। लेकिन, शाम के वक्त ऐसा नहीं होता है भगवान जगन्नाथ मंदिर के 45 मंजिला शिखर पर स्थित 20 फीट का ट्रायएंगुलर ध्वज ( झंडा ) लहराता है इसे रोजाना बदला जाता है। झंडा हमेशा हवा की उल्टी दिशामे लहराता है l
रोजाना बदला जाता है ध्वज
एक पुजारी मंदिर के 45 मंजिला शिखर पर स्थित झंडे को रोज बदलता है। इसे बदलने का जिम्मा चोला परिवार पर है वह इसे 800 साल से करती चली आ रही है। ऐसी मान्यता है कि अगर एक दिन भी झंडा नहीं बदला गया तो मंदिर 18 सालों के लिए बंद हो जाएगा l
भगवान जगन्नाथ मंदिर के शिखर पर एक सुदर्शन चक्र भी है, जो हर दिशा से देखने पर आपके मुंह आपकी तरफ दीखता है।
प्रसाद की भी है महिमा
भगवान जगन्नाथ मंदिर की रसोई में प्रसाद पकाने के लिए मिट्टी के 7 बर्तन एक-दूसरे के ऊपर रखे जाते हैं, जिसे लकड़ी की आग से ही पकाया जाता है, इस दौरान सबसे ऊपर रखे बर्तन का पकवान पहले पकता है। प्रसाद कभी कम नहीं पड़ता है।