The speed of rotation on the axis of the Earth is getting faster, Scientist also shocked
आगरालीक्स….बदलना होगा दुनिया की सभी घडियों का समय. वैज्ञानिक भी हो रहे परेशान. जानिए आखिर क्या है वजह…
पृथ्वी की धुरी पर घूमने की गति हो रही तेज
क्या आपको मालूम है कि धरती ने अपनी धुरी पर घूमने की गति बढा दी है! पहले 24 घंटों में पृथ्वी एक चक्कर पूरा करती थी, लेकिन पिछली एक जून से धरती अपना चक्कर 24 घंटों से कम समय में पूरा कर रही है. वैज्ञानिक इसको लेकर परेशान है कि इसे मैनेज कैसे किया जाए. इसकी वजह से धरती के सभी देशों कासमय बदल सकता है.
बदलना होगा घडियों का समय
पृथ्वी की गति में तेजी आने के बाद धरती पर मौजूद सभी देशों का समय बदल जाता है. वैज्ञानिकों को अपनी—अपनी जगहों पर मौजूद एटॉमिक क्लॉक का समय बदलना पडेगा यानी इस बार वैज्ञानिकों को निगेटिव लीप सेकेंट अपनी—अपनी घडियों से जोडना पडेगा. सन् 1970 से अब तक 27 लीप सेकेंड जोडे जा चुके हैं. ब्रिटिश वेबसाइट डेली मेल में हाल ही में प्रकाशित खबर के अनुसार पिछले कई दशकों से धरती 24 घंटे से ज्यादा समय लेकर अपनी धुरी पर घूम रही थी, लेकिन पिछले साल जून से 24 घंटे से कम समय में एक चक्कर पूरा कर रही है. धरती इस समय 24 घंटे में 0.5 मिली सेकेंड कम समय में घूम रही है. यानी हमारे 24 घंटे में 0.5 मिली सेकेंड कम हो चुके हैं.
2005 में था सबसे छोटा दिन
इस वर्ष (2020) से पहले छोटा दिन 2005 में था, पिछले 12 महीनों में यह रिकाूर्ड कुल 28 बार टूट चुका है. समय का यह बदलाव केवल एटॉमिक क्लॉक पर ही देखा जा सकता है. पर इसके कारण से कई दिक्कत आ सकती हैं. क्योंकि हमारे सेटेलाइट्स और संचार यंत्र सोलर टाइम के अनुसार सेट किया जाता है. ये समय तारों, चांद और सूरज कीपोजीशन के अनुसार सेट की जाती हैं.
50 साल में जुडे 27 लीप सेकेंड
पेरिस स्थित इंटरनेशनल अर्थ रोटेशन सर्विस के वैज्ञानिक समय के साथ सामंजस्य बनाए रखने के लिए 70 के दशक से अब तक 27 लीप सेकेंड जोड चुके हैं. पिछली बर 2016 में लीप सेकेंड जोडा गया है लेकिन अब इस बार लीप सेकेंड हटाने का समय आ चुका है, यानी निगेटिव लीप सेकेंड जोडना पडेगा.