There is no dispassion by running away from sorrows#agranews
आगरालीक्स(11th August 2021 Agra News)…वैराग्य होने के कई कारण हो सकते हैं। सफेद बाल देखकर राजा को वैराग्य उत्पन्न हो गया था। एमडी जैन इंटर कॉलेज में पार्श्व कथा में मुनि जी ने कहा…।
सफेद बाल देखकर राजा को हो गया था वैराग्य
मुनि श्री 108 प्रणम्य सागर जी महाराज ने कहा कि वैराग्य होने के कई कारण हो सकते हैं। उन्होंने एक कथा सुनाई। कहा, राजा आनंद को दर्पण में सफेद बाल देखकर वैराग्य उत्पन्न हो गया था। इसी प्रकार दर्पण में झुर्रीदार चेहरा, सफेद बाल, मृतक, श्मशान देख कर और पूर्व के संस्कारों के कारण भी वैराग्य होता है।
मृतक को देखकर भी होता है वैराग्य
दूसरा वैराग्य वह होता है, जब व्यक्ति सच और झूठ के बीच में भेद करने लगता है। यह वैराग्य मृतक को देखकर होता है। ये स्थायी होता है। इसमे भीतर से कुछ घटित होता है। उन्होंने कहा कि कष्टों से, दुःखों से, अभाव से भागकर वैराग्य नहीं लिया जाता। क्योंकि वह स्थायी नहीं होता है। जिन चीजों से व्यक्ति भागता है, वह सदैव उसका पीछा करती हैं। अगर व्यक्ति को सच्चा ज्ञान और वैराग्य होगा तो वह कष्ट को कष्ट नहीं समझेगा।
जैन दर्शन को समझाया
उन्होंने कहा कि जैन दर्शन में कष्टों को, दुःखों को जीता जाता है। वहां से भागा नहीं जाता है। यहां कष्टों, दुःखों, इन्द्रियों को जीता जाता है। इसलिए इसे जिन मार्ग कहते हैं। इसे जिनेन्द्र भगवान का मार्ग कहते है| इस कार्यक्रम का शुभारंभ मंगलाचरण एवं भक्ति नृत्य के साथ ट्रांसयमुना शैली के द्वारा किया गया। चित्र अनावरण राजेश जैन, अभय जैन, कुमार मंगलम जैन के द्वारा हुआ। दीपप्रज्वलन नेमिनाथ उघान शैली और नुनिहाई शैली में हुआ। मुनिराज का पाद प्रक्षालन सर्वेश कुमार जैन के परिवारों के द्वारा हुआ आरती इन्जीनियर संजीव जैन और गौरव जैन के परिवार ने की। अतिथियों का स्वागत आगरा दिगंबर जैन परिषद के अध्यक्ष जगदीश प्रसाद जैन और डा. जितेंद्र जैन के द्वारा किया गया। मीडिया प्रभारी शुभम जैन के मुताबिक दोपहर 3:00 बजे से प्रतिदिन मुनि श्री 108 चंद्रसागर जी महाराज के सानिध्य में छोटे-बड़े बच्चों की पाठशाला लगाई जा रही है। आचार्य श्री मेरू भूषण महाराज की सल्लेखना साधना एमडी जैन परिसर में चल रही है। कार्यक्रम में राकेश जैन, सुनील जैन, निर्मल मौठया, हीरालाल बैनाड़ा, अनिल जैन, अंकेश जैन समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।